एमबीएम न्यूज़/ हमीरपुर
न सिर पर हेलमेट और न जेब में पैसे, ऐसे में अधिकारी करें तो क्या करें। ऐसा मंजर मंगलवार को उपमंडल सुजानपुर के व्यास पुल पर देखने को मिला। जब क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी आरटीओ हमीरपुर ने नाकाबंदी करके वाहन चालकों के दस्तावेज निरीक्षण का कार्य शुरू किया। दो पहिया वाहन चालक जिन्हें युवा चला रहे थे। उन्हें रोका गया तो न उनके पास हेलमेट था और न ही उनकी जेब में पैसे। उनसे जब हेलमेट नहीं पहनने के लिए पूछा गया तो युवाओं ने रोना शुरू कर दिया।
बताते चलें कि सुजानपुर व्यास पुल पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने वाहन दस्तावेज जांच का कार्य शुरू किया था। बंजार बस हादसे के बाद पूरे प्रदेश में यातायात नियमों को लेकर सख्त कार्रवाई की जा रही है। वाहन में फिटनेस इंश्योरेंस व अन्य कागजात एवं वाहन चालक की स्थिति क्या है तमाम चीजें जांची जा रही हैं।
इन्हीं का निरीक्षण करने के लिए जब क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने सुजानपुर कि सीमा पर कार्य शुरू किया तो बड़े वाहन जिसमें बसें, टेंपो, ट्रैवलर जीप इत्यादि शामिल हैं को रोका गया। तमाम वाहन ओवरलोडिड तो नहीं पाए गए। लेकिन दस्तावेज एवं फिटनेस अधिकतर वाहनों में नहीं थी। इसके साथ ही समय सारणी पर अधिकांश बसें नहीं चल रही थी। नियमों की अवहेलना करने वाले ऐसे करीब दो दर्जन वाहन चालान की गिरफ्त में आए और उनके चालान किए गए।
इस दौरान दो पहिया वाहन चालक भी रोके गए। ऐसे में अधिकतर युवा बिना हेलमेट के वाहन चला रहे थे। जब उन्हें रोका गया और उनके चालान करना शुरू किए गए तो युवाओं ने रोना शुरू कर दिया। यह तक कह डाला कि साहब आप हमारा चालान मत करना वरना घर वाले हमें घर नहीं आने देंगे आप हमें एक बार छोड़ दो भविष्य में हम बिना हेलमेट के नहीं चलेंगे। अधिकारी ने जब उनसे चालान करने की बात की और जुर्माने के तौर पर पैसे मांगे तो किसी भी युवा के पास पैसे नहीं थे। जांच के दौरान पाया गया कि सभी युवा बिना पैसों के ही घूम रहे थे और नियमों को ताक पर रखकर काम कर रहे थे।
क्षेत्र परिवहन अधिकारी ने युवाओं की फरियाद को सुनते हुए उनके परिजनों से बात करके उन्हें छोड़ दिया और भविष्य में ऐसा न करने को हिदायत दी है। उधर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी वीरेंद्र शर्मा ने बताया करीब दो दर्जन वाहनों के चालान किए गए हैं। जिनसे मौके पर करीब 5000 की राशि जुर्माने के तौर पर वसूली है। कुछ को न्यायालय के अधीन किया है। उन्होंने लोगों से विशेष रूप से परिजनों से अपील करते हुए कहा है कि अपने बच्चों का ध्यान रखें और जब तक वह वाहन चलाने योग्य नहीं हो जाते उनके लाइसेंस नहीं बनते तब तक उन्हें वाहन ना दें।