जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
काशंग परियोजना के वर्कर्स यूनियन ने परियोजना निर्माण में लगी हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के खिलाफ लामबंद होने की तैयारी कर ली है। यूनियन का आरोप है कि कॉर्पोरेशन ने अचानक कामगारों को काम से बाहर का रास्ता दिखाकर अन्याय किया है। बताया जा रहा है कि कामगारों में अधिकतर कामगार प्रभावित क्षेत्र से संबंधित है और अधिकतर कामगार परियोजना में भूमिहीन किसान है। जिससे उन्हें आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है।
हैरानी की बात है कि कॉर्पोरेशन ने अचानक ही अपने कामगारों को काम से बाहर कर दिया है,जिससे कामगारों में पूरी तरह से कॉर्पोरेशन के विरुद्ध रोष पनप गया है। हालांकि काशंग वर्कर्स यूनियन ने कॉर्पोरेशन के विरुद्ध हल्ला बोलने की तैयारी कर ली है,लेकिन यूनियन उपायुक्त किन्नौर की मध्यस्थता के इंतजार में है। यही नही समय रहते कॉर्पोरेशन ने कामगारों के बारे उचित निर्णय नही लिया गया तो काशंग वर्कर्स यूनियन की इस लड़ाई में कूदने के लिए इंटक भी अपनी तैयारियां कर चुकी है। काशंग परियोजना वर्कर्स यूनियन के प्रधान नेत्र प्रकाश व सदस्य शम्मी कुमार,टशी दोरजे,श्रवण कुमार,स्वरूप चंद, राजनारायण एवं अन्य मजदूरों जा कहना है कि कॉर्पोरेशन की ओर से कामगारों को इस प्रकार बाहर किया जाना किसी भी सूरत में ठीक नही है।
उन्होंने कहा कि कामगार प्रभावित क्षेत्र से है और अधिकतर भूमिहीन है। काशंग परियोजना का कार्य अभी समाप्त नही हुआ है। यूनियन ने उपायुक्त मिलकर मामले को सुलझाने की मांग की है। उपायुक्त ने कामगारों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही प्रशासन कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के साथ मज़दूरो की एक मीटिंग तय करेगा। यूनियन ने उपायुक्त के आश्वासन बाद आंदोलन को स्थागित कर दिया है। यूनियन ने चेताया है कि उपायुक्त की मध्यस्थता के बाद भी कॉर्पोरशन बाज नही आया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रधान नेत्र प्रकाश ने मीडिया को बताया है कि कॉर्पोरेशन ने गलत तरीके से कामगारों को काम से हटाया गया है, जिसे यूनियन बर्दाश्त नही करेगी। यूनियन को इंटक का भरपूर सहयोग है। कॉर्पोरेशन ने जल्द उचित निर्णय नही लिया तो यूनियन इंटक के साथ मिलकर एक बड़े आंदोलन को मजबूर हो जाएगा।