एमबीएम न्यूज/नाहन
मरीजों की सुविधाओं को लेकर विवादों में रहने वाले डा. वाईएस परमार मैडिकल कॉलेज में एक चौंकाने वाला किस्सा सामने आया है। देर शाम हॉर्ट के रोगी 42 वर्षीय अमजद को मैडिकल कॉलेज लाया गया। कैजुअल्टी में तैनात चिकित्सक में तुरंत ही ईसीजी करवाने को कहा। लेकिन बार-बार कोशिश करने के बाद भी इमरजेंसी में ईसीजी कर्मी उपलब्ध नहीं हुआ तो कैजुअल्टी में तैनात चिकित्सक ने कॉलेज के मैडिकल अधीक्षक डा. डीडी शर्मा को फोन किया,लेकिन उन्होंने इस बाबत असमर्थता जाहिर कर दी,चूंकि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक पर ईसीजी को लेकर दबाव था। लिहाजा चिकित्सक ने भी मरीज की पर्ची पर बेधड़क होकर यह लिख दिया कि उन्होंने मैडिकल अधीक्षक डा. डीडी शर्मा को फोन पर सूचित किया। इस पर उन्होंने कोई कार्रवाई करने में असमर्थता जाहिर कर दी। अस्पताल में दाखिल मरीज, पर्ची
हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि मैडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम के सामने मैडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा यह दिखा दिया जाता है कि एमआरआई व सीटी स्कैन सब कुछ ठीक ठाक है,लेकिन धरातल पर एमसीआई से झूठ बोला जाता है। ईसीजी न होने पर 42 वर्षीय अमजद के साथ पहुंचे लोगों ने उसे अस्पताल में ही दाखिल करवा दिया। यह भी पता चला है कि कुछ अन्य मरीजों का भी ईसीजी होना था।
अहम बात यह भी है कि मैडिकल कॉलेज में अब इस बात तक की नौबत आ चुकी है कि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों को पर्ची पर दवाओं की बजाय यह लिखना पड़ रहा है कि मैडिकल अधीक्षक कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उधर कॉलेज की प्रिंसिपल डा. जयश्री शर्मा ने अपने पुराने तरीके की तरह इस बार भी फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। जानकारों का कहना है कि आखिर कॉलेज प्रबंधन प्रशासन कब चुस्त दुरुस्त होगा और यहां आने वाले रोगियों की समस्याएं दूर होंगी।मैडिकल अधीक्षक डा.डीडी शर्मा से भी संपर्क करने का प्रयास हुआ।
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