नितेश सैनी/सुंदरनगर
मंडी जिला के लोहारड़ा खड्ड में दो छात्राओं को खड्ड पार करते समय भूतपूर्व सैनिक चुन्नी लाल ने बहने से बाल बाल बचाया था। उस समय यह साहसिक गतिविधि का कारनामा तो चुन्नी लाल ने कर दिखाया और शासन व प्रशासन से चुन्नी लाल को इस साहसिक गतिविधि के लिए वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया। पिछले तकरीबन 3 साल से चुन्नी लाल को सम्मानित करने की फाइल मंडी जिला प्रशासन के दस्तावेजों में ही दबकर रह गई है।
आज दिन तक चुन्नी लाल और उसके प्रशंसक यह सम्मान प्राप्त करने की राह ताक रहे है। कई बार शासन और प्रशासन को पत्राचार के माध्यम से उनके प्रशंसकों ने अवगत भी करवाया। लेकिन इस मामले में कोई भी कार्यवाही आज दिन तक नहीं हुई है। इस बात को लेकर चुन्नी लाल और उसके प्रशंसकों में शासन और प्रशासन के इस तरह के लापरवाही भरे रवैए के प्रति गहरा मलाल है। बताया कि छात्राएं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समैल में अध्ययनरत थी।
12 अगस्त 2016 को बरसात के दिनों में छात्राएं स्कूल से पढ़ाई करने के बाद अपने घर की ओर आ रही थी। ऐसे में एकाएक भारी बारिश के चलते जैसे ही छात्राएं लोहारडा खड्ड को क्रॉस करने लगी तो वह पानी के तेज बहाव में बह गई और पानी में बहते हुए चुन्नीलाल ने उन्हें देखा और बचाने के लिए उफनती खड्ड में अपनी जान की परवाह किए बगैर कूद गए और 2 छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालते हुए उन्हें जीवनदान दिया।
चुन्नी लाल की इस साहसिक गतिविधि की लोग दुहाई देते नहीं थक रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर शासन व प्रशासन ने भी चुन्नी लाल को वीरता सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया। लेकिन 3 साल बीत जाने के बावजूद भी अभी तक चुन्नी लाल को सम्मान दिलाने के नाम पर एक प्रशस्ति पत्र तक सरकार और प्रशासन की ओर से प्राप्त नहीं हुआ है। इस बात को लेकर जनता में गहरा आक्रोश व्याप्त है और प्रशासन के ढुलमूल रवैया से काफी आहत हैं।
उधर, उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी। अगर कहीं भी विलंब हुआ है तो नए सिरे से इस केस को सरकार के माध्यम से आगामी कार्यकारी के लिए भेजा जाएगा। वहीं हिमाचल पेंशनर्स कल्याण संघ सुंदरनगर इकाई के संरक्षक भवानी दत्त शर्मा और बिजली बोर्ड से अवर सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए रतन लाल शर्मा व दिव्यांगजनों के कानूनी सलाहकार कुशल कुमार सकलानी ने भी शासन और प्रशासन से मांग की है कि इस उत्कृष्ट कार्य के लिए चुन्नीलाल को समय रहते सम्मानित किया जाए।