एमबीएम न्यूज़/शिमला
प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों व बोर्डों में कार्यरत हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को निराश करने वाली खबर है। प्रदेश सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकार नियमित नहीं करेगी। कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को बताया कि वर्तमान में आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण का कोई मामला राज्य सरकार के विचाराधीन नही है।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अलग-अलग विभागों में सरकार आउटसोर्स आधार पर भर्तियों का क्रम जारी रखेगी और इस कड़ी में प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड में जरूरत के मुताबिक नए पदों को भरा जाएगा। लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्जा निदेशालय में 11 और प्रदेश पावर टांसमिशन लिमिटेड में 54 पद भरे जाएंगे। इसी तरह प्राथमिक शिक्षा विभाग में 23 पद आउटसोर्स पर भरे जाएंगे। उन्होंने कहा बीते एक साल में 15 जनवरी तक विद्युत विभाग में 54 और शिक्षा विभाग में 3 नियुक्तियां आउटसोर्स पर हुई हैं।
सनद रहे कि आउटसोर्स कर्मचारी प्रदेश सरकार ने उन्हें नियमित करने की बार-बार गुहार लगा रहे हैं। इस बार के बजट में भी आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सरकार ने कोई बड़ा एलान नहीं किया है। श्रमिक संगठन सीटू के बैनर तले आउटसार्स कर्मचारी संघ ने 13 फरवरी को शिमला में विधानसभा का घेराव करने का एलान किया है। संघ का आरोप है कि प्रदेश सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रति शौतेला व्यवहार कर रही है। उनके लिए न तो कोई स्थायी नीति बनाई जा रही और न ही नियमित किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के समान वेतन के निर्णय के बावजूद उसे लागू नहीं किया जा रहा है। आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा श्रम कानूनों की खुली उल्लंघना की जा रही है। उनके 10 से 12 घंटे तक काम करवाया जाता है मगर न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाता है। ईपीएफ, ईएसआई, बोनस, ग्रच्युटी व छुटिटयों की सुविधाओं से भी वंचित किया जा रहा है।