सोलन (एमबीएम न्यूज): नगर परिषद सोलन में मौजूदा जनसंख्या मांगे जाने का मामला अब राज्य सूचना आयोग में चला गया है। इसके लिए राज्य सूचना आयोग ने नगर परिषद सोलन के कार्यकारी अधिकारी को तमाम रिकार्ड के साथ 12 अगस्त को राज्य सूचना आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया हैं। नगर परिषद से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना को ठीक करवाने के लिए प्रार्थी संजय हिंदवान ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
इससे पहले उन्होंने उपायुक्त सोलन से प्रथम अपीलीय अधिकारी के तौर पर सुनवाई करने की प्रार्थना की है। उपायुक्त से यह मामला एसडीएम को भेज दिया गया था, जहां से एक सप्ताह के भीतर सूचना प्रदान करने का आदेश हो जाने के बावजूद प्रार्थी को सोलन की जनसंख्या नहीं बताई गई थी। प्रार्थी ने नगर परिषद से सूचना मांगी है कि 1 जनवरी 2015 तक नगर परिषद सोलन की जनसंख्या कितनी है। प्रथम अपीलीय अधिकारी एसडीएम के आदेशों पर कोई कार्यवाही न होने के प्रार्थी संजय हिंदवान ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत 30 अप्रैल,2015 को राज्य सूचना आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी।
प्रार्थी संजय हिंदवान द्वारा दायर की गई याचिका का कड़ा संज्ञान लेते हुए राज्य सूचना आयोग ने नगर परिषद सोलन के कार्यकारी अधिकारी को तलब कर लिया है। राज्य सूचना आयोग अब इस मामले में आगे की कार्यवाही करेगा। प्रार्थी द्वारा दायर शिकायत नगर परिषद को प्रेषित करते हुए आयोग ने नगर परिषद सोलन से नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को पांच बिंदुओं पर अपनी सफाई के साथ पेश होने को कहा है। आयोग ने प्रार्थी को भी पैरवी के लिए आयोग के समक्ष अपने रिकार्ड के साथ आने को कहा है। इससे पहले एसडीएम के आदेश के बावजूद नगर परिषद ने सोलन की मौजूदा जनसंख्या की जानकारी प्रार्थी को नहीं दी है।
प्रथम अपीलीय अधिकारी एकता कापटा के समक्ष 10 अप्रैल, 2015 को हुई सुनवाई के दौरान नगर परिषद को यह आदेश दिया गया था कि वह प्रार्थी संजय हिंदवान को एक सप्ताह के भीतर सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना दे, लेकिन नगर परिषद ने सोलन की जनसंख्या के संबंध में मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं करवाई।
गौर रहे कि प्रार्थी संजय हिंदवान ने 9 जनवरी 2015 को नगर परिषद से यह सूचना मांगी थी कि 1 जनवरी 2015 तक सोलन के 13 वार्डों की जनसंख्या कितनी है। नगर परिषद ने 2011 की जनगणना की फोटो कापी प्रार्थी को देकर मामले से इतिश्री कर दी थी। हिंदवान ने बताया कि मामला जनहित से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस मामले को सहजता से नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सोलन की जनसंख्या आंकड़ों में 30 और 40 हजार बताई जाती है जबकि नगर परिषद को करीब एक लाख लोगों को सुविधाएं प्रदान करनी पड़ रही है।
यह सोलन की जनता के साथ घोर अन्याय है और इसे सहन नहीं किया जा सकता है। इसके लिए वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। जनसंख्या के आंकड़ों को छुपाने पर वह अधिनियम के तहत नगर परिषद को दंड लगाने की प्रार्थना भी कमीशन के समक्ष करेंगे। सोलन नगर की जनसंख्या का सही रिकार्ड उपलब्ध न करवाने का मामला अब राज्य सूचना आयुक्त की अदालत में चलेगा।
याचिका में नगर परिषद द्वारा प्रार्थी को सोलन की जनसंख्या को न बताने और प्रथम अपीलीय अथारिटी व एसडीएम सोलन कार्यालय द्वारा मामले को गंभीरता से न लेने की शिकायत की गई है। जिसमें यह भी कहा गया है कि सुनवाई के दौरान प्रार्थी के यह आश्वासन दिया गया कि उसे सप्ताह के भीतर मांगी गई सूचना दे दी जाएगी। लेकिन न तो नगर परिषद की ओर से कोई जवाब प्रार्थी को मिला और न ही प्रथम अपीलीय अधिकारी ने सुनवाई के लिखित आदेश प्रार्थी को भेजे।
एसडीएम सोलन को भी मामले में प्रतिवादी बनाया गया है। बीती 10 अप्रैल,2015 को एसडीएम सोलन के समक्ष हुई सुनवाई के एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद मजबूरन प्रार्थी हिंदवान ने मामले को राज्य सूचना आयोग के पास भेज दिया था, जिसे अब आयोग ने सुनवाई के लिए लगाया है।
इस याचिका में प्रार्थना की गई है कि नगर परिषद व प्रथम अपीलीय अधिकारी को राज्य सूचना आयोग आदेश दे कि प्रार्थी संजय हिंदवान को सही सूचना उपलब्ध करवाई जाए तथा अधिनियम में रुकावट पैदा करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों को अधिनियम के तहत दंडित किया जाए। क्योंकि यह मामला सोलन नगर के हित से जुड़ा हुआ है इसलिए इसमें दोषियों के खिलाफ नरमी न बरती जाए।
‘‘मुझे अभी राज्य सूचना आयोग की ओर से भेजे गए आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं। यदि ऐसा कोई आदेश आयोग ने जारी किया है तो नगर परिषद उसका पूरी तरह से पालन करेगी।’’
बीआर नेगी, ईओ नगर परिषद सोलन