पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज) : यमुना नदी के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। लेकिन बावजूद इसके सैंकड़ों परिवार नदी के किनारे झोंपडिय़ों में ही जीवन यापन करने को मजबूर हैं। रविवार को जब एसडीएम पांवटा एचएस राणा ने नदी के किनारे रह रहे लोगों की स्थिति का जायजा लिया तो पाया कि बरसात कभी भी इन परिवारों पर आफत बरसा सकती है।
इस दौरान जान जोखिम में डाल कर रह रहे मजदूरों ने प्रशासन को अवगत करवाया कि वह जानबूझ कर इस स्थान पर नहीं रह रहे, बल्कि उनके पास कोई सुरक्षित इंतजाम न होने के कारण ऐसा करना पड़ रहा है। फौरन ही प्रशासन ने मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही, सिंगपुर, माजरा व राजबन पुलिस चौकी प्रभारियों को भी गिरी नदी, यमुना व बाता नदी के किनारे रहने वाले परिवारों को सर्तक करने को कहा गया है, ताकि किसी हादसे की आशंका को रोका जा सके। रविवार दोपहर के समय एसडीएम पांवटा की टीम जिसमें कानूनगो शाकिर अली, पटवारी कमलेश कुमार, सुभाष चंद व पुलिस टीम ने संवेदनशील नदी किनारों को निरीक्षण किया।
रामपुरघाट क्षेत्र में क्रशर, रेत बजरी, खनन स्थलों के सैंकड़ों कामगार 150 झोंपडिय़ों में यमुना नदी के एकदम तट के समीप रहते हैं। मौके पर पहुंच कर प्रशासनिक टीम ने इन परिवारों को सुरक्षित स्थलों पर शिफ्ट होने को कहा है। इसके लिए क्रशर संचालकों व ठेकेदारों को निर्देश जारी किए हैं।
बाता नदी में बाता मंडी घुतनपुर क्षेत्र कुंजा मतरालियों बरसाती खडड् के समीप रहने वाले करीब 8 परिवारों को भी सुरक्षित स्थलों पर शिफ्ट होने के कहा गया है। बाता मंडी के समीप बूतल की खोल व बाता नदी के बीच स्थलों पर तीन दर्जन परिवार झोंपडिय़ां बना कर रहते हैं। इनको भी नदी क्षेत्र से दूर रहने को कहा गया है। विशेष कर जलस्तर बढऩे की स्थिति में महिलाओं व छोटे बच्चों को दूर रखा जाए।