एमबीएम न्यूज़ /नाहन
68वे राज्य स्तरीय वन महोत्सव में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर्यावरण सरंक्षण को लेकर चिंतित नजर आए। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम रस्मी नहीं होने चाहिए, बल्कि जीवन का एक नियमित हिस्सा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रदेश का हरेक व्यक्ति एक पेड़ को अपना गोत्र मान ले, तो निश्चित तौर पर नई शुरुआत हो सकती है।
उन्होंने कहा कि पेड़ की सुरक्षा व सरंक्षण इसके चारों तरफ एक धागा बांधकर की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आबादी बढ़ रही है तो निश्चित तौर पर जंगल भी बढ़ने चाहिए। उन्होंने कहा कि वो एक अरसे से महसूस करते आए हैं कि वन महोत्सव के कार्यक्रम केवल रस्म निभाने लिए होते हैं। मुख्यमंत्री राज्य स्तरीय वन महोत्सव की अध्यक्षता करने के बाद राजगढ़ के चुरुवाधर में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस तरह के कार्यक्रम केवल रस्मी न रहे, इसके लिए सरकार कई बिंदुओं पर विचार कर रही है। उन्होंने सिक्किम में चलाए जा रहे पर्यावरण सरंक्षण के कदमों की सराहना करते हुए कहा कि अन्य राज्यों से सीख लेकर प्रदेश में भी वनों के संरक्षण के लिए अहम कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग ने राज्य स्तरीय महोत्सव के लिए बेहतरीन स्थान चुना है। प्रकृति की गोद में इस कार्यक्रम का आयोजन करने पर सीएम ने अधिकारियो को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने नाहन भाजपा मंडल अध्यक्ष दीनदयाल वर्मा द्वारा लिखित पुस्तक से वनों को सरंक्षण को लेकर एक कविता भी पढ़ी। सीएम ने कार्यक्रम में मौजूद बच्चों से आग्रह किया कि वो पर्यावरण को लेकर अपने स्तर पर भी आगे आएं।
उन्होंने कहा कि बच्चों को ही आने वाले वक्त में देश का भविष्य संवारना है। मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल, सांसद वीरेंद्र कश्यप, विधायक सुरेश कश्यप, बीजेपी के शीर्ष नेता बलदेव भंडारी व चंद्रमोहन ठाकुर आदि भी मौजूद थे।
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