एमबीएम न्यूज़ / शिमला
11 दिन की हड़ताल खत्म कर गुरूवार को काम पर लौटे एंबुलेंस कर्मचारियों को पूरी उम्मीद है कि हरियाणा की तर्ज पर हिमाचल सरकार उन्हें नेशनल हैल्थ मिशन (एनएचएम) में मर्ज करेगी। यहां एक संयुक्त प्रेस वार्ता में हिमाचल में हड़ताल पर गए एंबुलेंस कर्मियों की पांच में से तीन मांगें मान ली गई हैं।
अब हिमाचल में एंबुलेंस कर्मी 8 घंटे डयूटी देंगे, पहले उनसे 12 घंटे काम लिया जाता था। इसके साथ ही हिमाचल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां एंबुलेंस कर्मचारी आठ घंटे काम करेंगे, जबकि अन्य प्रांतों में इन कर्मियों से 12 घंटे काम लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस कर्मियों को हरियाणा की तर्ज पर एनएचएम के अधीन लाने संबंधी मांग पर भी हिमाचल सरकार ने उचित आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमान ने कर्मियों को भरोसा दिलाया है कि हरियाणा में एनएचएम से दस्तावेज मंगलवाकर अध्ययन किया जाएगा और एंबुलेंस कर्मियों को यहां भी एनएचएम के तहत लाने का विचार करेगी।
विक्रम सैनी और सचिव पूर्ण चंद ने कहा कि उनका संगठन ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि देश के 17 राज्यों में तीन कंपनियां एंबुलेंस को संचालित कर रही हैं और कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं। हरियाणा सरकार ने 108 एंबुलेंस कर्मियों को नेशनल हैल्थ मिशन एनएचएम के अधीन ला दिया है और अन्य राज्यों की सरकारों को भी एंबुलेंस कर्मचारियों को कंपनियों के जाल से निकालर मिशन में मर्ज करना चाहिए और इस मांग एंबुलेंस कर्मचारी संगठन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से उठा चुका है।
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