एमबीएम न्यूज/कांगड़ा
कहते हैं, कानून के हाथ लंबे होते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि अकसर गुनाहगार मौका-ए-वारदात पर गुनाह के निशान छोड़ देता है। इस सनसनीखेज वारदात में भी ऐसा हुआ है। सन्न कर देने वाली इस वारदात में पति विनय कुमार ने अपनी 40 साल की पत्नी शारदा देवी को मौत के घाट उतार दिया था। लाश को खेतों में ही दफना दिया गया। आरोपी पति को निशानदेही के लिए ले जाती पुलिस व जमीन से निकाला गया शव
मामला सीआईडी के सुपुर्द हुआ तो सीआईडी के अधिकारी बेहद खामोशी से जांच को आगे बढ़ाते रहे। शुक्रवार सुबह जब 10 बजे के आसपास खुदाई शुरू हुई तो हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए थे, क्योंकि दो साल से लापता शारदा देवी का कंकाल मिला था। पुलिस की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट परिजनों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मामला सीआईडी को सौंपे जाने की गुहार लगाई। सीआईडी ने जांच को बेहद संजीदगी से आगे बढ़ाना शुरू किया।
पोलियोग्राफी टैस्ट से ठोस साक्ष्य तो नहीं मिले, लेकिन संकेत पति की तरफ ही इशारा करते पाए गए। उल्लेखनीय है कि शारदा देवी के परिजनों ने 2016 में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सीआईडी ने इस मामले की बागडोर 16 मई 2017 को संभाली थी। सीबीआई ने 7 दिसंबर 2017 को विनय कुमार का पोलियोग्राफी टैस्ट करवाया था। इसके बाद परतें उधड़ती ही चली गई। सीआईडी ने विनय कुमार के अलावा उसके भांजे अश्वनी कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हीं की निशानदेही पर आज कंकाल बरामद कर लिया गया।
उल्लेखनीय है कि आज जब महिला का कंकाल खोदा गया उस वक्त कार्यकारी मैजिस्ट्रेट के अलावा एसपी (क्राइम व सीआईडी) के अलावा फोरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर थे।
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