राकेश कुमार/सोलन: भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, एटक व सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने आज जिला मुख्यालय में पेट्रोलियम पदार्थो में प्रस्तावित वृद्धि तथा पेट्रोलियम मूल्यों में 7.50 रुपये प्रति लिटर की वृद्धि के विरूद्ध जोरदार प्रदर्शन किया व माननीय राष्ट्रपति को जिलाधीश सोलन के माध्यम से ज्ञापन दिया। ज्ञापन में पेट्रोल मूल्यों की वृद्धि को वापिस लेने व जन विरोधी नीतियों तथा नव उदारीकरण की नीतियांे से हटने मांग की गई। ज्ञापन द्वारा राश्ट्रपति से अपील की गई कि भारतीय संविधान के प्रीयेंबल में जिस
सार्वभौमिक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष व जनवादी राष्ट्र के लक्ष्य को रखा गया है केन्द्र मौजदा सरकार की नीतियां उस भावना के विरूद्ध है तथा उन पर रोक के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। राज्य सचिव कामरेड शशि पंडित ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश मंे पूंजपति, यूपीए-दो सरकार पर लगातार दबाव बना कर अपने हक में नीतियां बनवाने का प्रयास कर रही है। जो पत्र आर.आई.एल. उद्योगपति मुकेश अंबानी ने प्रधानमंत्री के कार्यालय के जरिये पेट्रोलियम मंत्रालय को भिजवाया है उसे मानने से मुकेष अंबानी को प्रतिवर्ष 44 सौ करोड़ का फायदा होगा। स्वर्ण एवं हीरे पर कस्टम की छूट से 52 हजार करोड की छूट बड़े व्यापारियों को दी गई जबकि प्रत्येक व्यक्ति को रोटी का प्रबन्ध के लिए खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने से केवल 27 सौ करोड़ रुपये खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि मोनटेक सिंह आहलुवालिया गरीबी का मूल्यांकन करते समय कभी 20 रुपये तो कभी 30 रुपय प्रति दिन खर्च करने वाले व्यक्ति को गरीब मानते हैं जबकि पिछले दिनों उनकी 18 दिन की विदेश यात्रा 36.37 लाख रुपये खर्च हुए हैं। आज समाज में विभिन्न सतहों व वर्गों के बीच अपने-अपने हितों के लिए संघर्ष आवश्यक बन गया है और इसलिए यह जरूरी है कि आम व्यक्ति अपनी मांगों व हितों के लिए व्यापक जनवादी व वामपंथी मोर्चे के झंडे तले लगातार संघर्ष करे। सरकार की शिक्षा के क्षेत्र व स्वास्थ्य के क्षेत्र में नकारात्मक नीतियों और इन क्षेत्रों में निजी पूंजी के जरिये व्यापक शोषण के खिलाफ भी संघर्ष का आहवान किया है। एक तरफ सरकार सबसिडी का रोना रोती है वहीं दूसरी तरफ एक साल में ही पूंजिपतियों को 4.67 लाख करोड़ रुपये की छूट एक्साईज व कस्टम डियुटी में लाभ देकर प्रदान करती है। जो इस बात का सूबूत है कि सरकार पूंजिपतियों के हाथ में कठपुतली बन कर रह गई है। हिमाचल एटक के राज्य अध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने कहा कि सरकार पूंजिपतियों के सरंक्षण में खड़ी दिखती है व सरकार द्वारा श्रमिक विरोधी नीतियेां को सीधे व तिरछे तौर पर लागू व अपनाने का प्रयास अत्यंत निंदनीय है। देश व प्रदेश का मजदूर व किसान अनाज, कपड़ा व दैनिक उपभोग की चीजों के उपत्पादन कर हमारे देश में समृद्ध बनाने का प्रयास कर रहे हैं पर सरकार उन लोगों का शोषण करवाने में मशगूल है। श्रम कानूनों का लगातार उल्लंघन हो रहा है। श्रमिकों को स्थाई करने की बात पर न तो केवल पदों के न होने का बहाना बनाया जा रहा है बल्कि कई उद्योगों में पहचान पत्र, न्यूनतम वेतन व जरूरी सुविधाएं प्रदान नहीं की जा रही है। पूंजिपतियों को लूट की खुली छूट, आम आदमी से भददा मजाक है। उन्होंने कहा कि उद्योगों में अमानवीय ठेका प्रथा जारी है और ठेका प्रथा श्रमिकों का शोषण चरम सीमा पर है। इस मौके पर सीपीआई के जिला सचिव नानक चंद मेेहता, अनूप पराशर, राजेन्द्र मोहन, राम सिंह, सीपीएम के नेता प्यारे लाल ने भी रैली
को सम्बोधित किया।
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