हमीरपुर( एमबीएम न्यूज़ ): भूमिहीनों को भूमि देने वाला चुनाव घोषणा पत्र का वायदा भूल विधायकों को कई बीघे जमीन देने का सरकार का निर्णय आलोचनात्मक है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने सरकार के बीते कल के कैबिनेट बैठक के निर्णयों पर सवाल उठाते हुए यह बात कही। पांच वर्ष तक सरकार भूमिहीनों दो-दो बिस्वे जमीन देने का चुनावी घोषणा पत्र का वायदा भूल कर विधायकों को कई बीघे जमीन देने का निर्णय ले रही है। यह जनता के बीच आलोचना और मजाक का विषय तो बनेगा ही साथ में विधायकों का अपमानित वाला है। प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि इस समय की गयी घोषणाएं कभी पूरी नहीं होंगी। फिर ऐसे हास्यस्पद निर्णय केवल मात्र विधायकों और पूर्व विधायकों की छवि को खराब करेंगे।
प्रो. धूमल ने कहा कि मंत्रीमंडल की बैठक से पहले कई वरिष्ठ अधिकारी छुट्टी ले लेते हैं ताकि गलत फाइल पर उनके दस्तखत न हों। हस्ताक्षर करने से भी अधिकारी बच रहे हैं। वह जानते हैं की निर्णय जो गलत होंगे उनका अंतत: उनको ही भुगतान करना पड़ेगा और उनको ही गलत काम की सज़ा भुगतने पड़ेगी। कुछ अधिकारी अति उत्साह में आकर आधे अधूरे कार्यों का उदघाटन करवा रहे हैं। धूमल ने कहा कि हमने पहले ही कहा है ऐसे अधिकारियों को इन कार्यों को पूरा करने के लिए बाद में अतिरिक्त पैसा नहीं मिलेगा। उनको अपनी जेब से पैसा लगा कर इन कार्यों को पूरा करना पड़ेगा।
प्रो. धूमल ने कहा की ज्यूँ.ज्यूँ चुनाव का समय और आचार सहिंता लगने का समय नजदीक आ रहा है। कांग्रेस सरकार बौखलहाट में अनाप शनाप घोषणाएं कर रही है। मंत्रीमंडल के निर्णय मज़ाक का विषय बन गये हैं। सरकार अपनी तरफ से लोक-लुहावने निर्णय लेती हैं लेकिन जनता उनका मजाक उड़ा रही है। जिन कर्मचारियों को पांच साल लगातार प्रताडि़त किया, तंग रखा, जिनको समय पर वेतन नहीं मिला, समय पर दिहाड़ी नहीं मिली और समय पर डीए की किश्त नहीं मिली। अब उनको बहुत कुछ देने की घोषणा करना केवल अपने आप को बेवकूफ बनाने के सिवाय और कुछ भी नहीं है। इसी प्रकार से जिन नौजवानों को धोखा देकर चुनाव में कहा था कि बेरोजगारी भत्ता देंगे। उनको पांच साल तक अँधेरे में रख कर अब लालच देना इस बात का प्रतीक है कि प्रदेश सरकार के पास देने के लिए कुछ नहीं है। केवल झूठी घोषणाएं की जा रही है। नए-नए संस्थानों की घोषणा हो रही है।