हमीरपुर (एमबीएम न्यूज): एक शख्स ‘शान्तनु कुमार’ परिचय का मोहताज नहीं है। चूंकि पितृपक्ष चल रहा है, लिहाजा शान्तनु कुमार की इंसानियत को पाठकों से साझा किया जा रहा है। दरअसल मानवता व इंसानियत का परिचायक बन चुके शान्तनु कुमार सोमवार को भी लावारिस लाश की अस्थियां लेकर हरिद्वार रवाना हुआ। नादौन क्षेत्र में यह शव मिला था। यकीन कीजिए, अब तक 505 लावारिस आत्माओं की शांति के लिए हर साल की तरह इस साल भी पितृपक्ष में हरिद्वार में हर की पौड़ी में श्राद्ध कर रहे हैं। गंगा स्नान के बाद परंपरा के मुताबिक आत्माओं की शांति के लिए पिंडदान, वस्त्रदान व 11 ब्राह्मणों को भोजन करवाएंगे। विश्वास कीजिए कि शान्तनु कुमार हर वक्त लावारिस शव के अंतिम संस्कार के लिए तैयार रहते हैं।
मूल रूप से कोलकाता निवासी शांतनु पुत्र मृनाल आज मानव धर्म की सेवा के लिए एक मिसाल बन चुका है। वर्ष 1971 में जन्में शांतनु को वर्ष1980में पिता की नौकरी के चलते कोलकता से हमीरपुर शहर में आना पड़ा। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कुमार शांतनु को गरीब असहायों का दर्द देखकर अकस्मात समाज सेवा का जज्बा जाग उठा। वर्ष1990 में किसी मरीज की सेवा को लेकर कोलकाता गए शांतनु को प्रख्यात समाजसेवी मदर टेरेसा से मिलने का मौका मिला। इस मुलाकात में शांतनु को जिंदगी जीने का एक नया सबक सिखाया।
शांतुनु कुमार सोमवार को लावारिस अस्थियों के लेकर हरिद्वार के लिए रवाना हुआ। यह शव नादौन क्षेत्र से मिला था। इनको मिलाकर 505 लावारिस आत्माओं की शांति के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्राद्ध की पितृपक्ष में हरिद्वार की हर की पौड़ी ब्रहमकुंड़ में इनका श्राद्ध किया जाएगा। शांतुनु ने लोगों से अपील की है कि आपके क्षेत्र में जहां पर भी लावारिस शव पाए जाते है। जिनकी शिनाख्त नहीं हुई हो। इस फोन नंबर पर 94180-96502 पर संपर्क करके भेजने की कृपा करें, ताकि उन आत्माओं को शांति मिल सके।
हमीरपुर के तिबतीयन मार्किट में रैडीमेट की एक छोटी सी दुकान करने वाले शांतनु ने मिशन लावारिस के उद्देश्य से दीन दुखियों समेत लावारिस शवों के अंतिम संस्कार को अपना परम धर्म मानते हैं। आज तक शांतनु सैकड़ो लावारिस शवों के संस्कार से लेकर श्राद्व की रस्म को पूरा कर चुके हैं। निस्वार्थ सेवाभाव से दीन दुखियों की सेवा में जुटे शांतनु हमीरपुर के एडवोकेट तेजपाल सिंह को अपना आर्दश मानते हैं। इस पुण्य कार्य को अपनी जिम्मेदारी मान चुके शांतनु प्रदेश के अस्पतालों में लावारिस घोषित हुए मृत शवों अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के चलते उनकी अस्तियों का विसर्जन खुद अपने आप हरिद्वार में करते हैं।
इसके अलावा समाजसेवाी शांतनु अस्पताल में मरीजों के लिए मोबाइल ब्लड बैंक की सहायता से खून की जरूरत वाले मरीजों के लिए भी इस संस्था के 175 सदस्य हर समय हमेशा तैयार रहते हैं। इस पुण्य कार्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें हिमाचल पूर्ण स्त्रोत सम्मान, हिमाचल श्री सम्मान तथा फिलीप्स ब्रेवरी अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।