बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : उत्तर भारत के विख्यात तीर्थ स्थल श्री नयना देवी में सोमवार से आस्था का सैलाब उमड़ पडे़गा। हर वर्ष की भांति इस बार भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के मां के चरणों में नतमस्तक होने की संभावना है। मंदिर प्रशासन नगर परिषद प्रशासन तथा जिला प्रशासन ने लगभग अपना अपना जिम्मा संभाल लिया है। 24 जुलाई से दो अगस्त तक चलने वाले इन मेलों में पूरा नयनादेवी नगर क्षेत्र एक दुल्हन की तरह सजने लगा है। लगभग 1100 से ज्यादा सुरक्षा कर्मचारी नयना देवी में चप्पे-चप्पे पर तैनात कर दिए जाएंगे।
रंग-बिरंगे फूलों से मां का पवित्र दरबार सजाया जा रहा है तथा क्षेत्र के चारों ओर रंग-बिरंगी रोशनी एवं दूधिया रोशनी से मां के मंदिर को चार चांद लग रहे हैं। मेले के दौरान लंगर लगाने वाले श्रद्धालुओं को तरह-तरह के व्यंजनों से यात्रियों को मोहने की होड़ लग रही है। उधर, मंदिर अधिकारी मदन लाल चंदेल ने बताया कि न्यास मंदिर में अस्थायी कर्मचारियों का चयन कर रहा है तथा हर कर्मचारी को यात्रियों की श्रद्धा व भावना का ध्यान रखना एवं हर सुविधा प्रदान करने को कहा गया है। कोताही बरतने वाले कर्मचारी पर तुरंत कार्रवाई होगी। मंदिर सुबह दो बजे खुलेगा तथा रात 12 बजे बंद होगा।
मंदिर के अंदर कड़ाह-प्रसाद ले जाने पर तथा नारियल ले जाने पर पाबंदी लगाई गई है तथा यात्रियों को पहली बार पांच एलईडी के माध्यम से सूचना उपलब्ध करवाई जाएगी। उधर, नगर प्रशासन के कार्यकारी अधिकारी प्रकाश चंद शर्मा ने कहा कि नगर में सफाई व्यवस्था हेतु इस बार 100 अतिरिक्त सफाई कर्मचारी रखे गए हैं, जो कि कीटनाशक दवाई का छिड़काव करेंगे। नगर परिषद द्वारा जगह-जगह डस्टबिन लगा दिए जाएंगे। शर्मा ने सभी दुकानदारों से कहा कि पोलिथीन का प्रयोग तथा ध्वनि प्रदूषण न फैलाएं आदेश न मानने वाले दुकानदार पर सख्त कार्रवाई होगी।
उधर जल व सिंचाई विभाग के एसडीओ के शर्मा ने कहा कि मेले में पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। बिजली बोर्ड के एसडीओ पवन कुमार धीमान ने बताया कि नयनादेवी में मेलों के दोरान विद्युत व्यवस्था हेतु विभाग ने 20 कर्मचारी दिन-रात सेवा में लगे हैं। उधर, रज्जु मार्ग प्रशासन ने भी श्रावण अष्टमी मेलों के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। यात्रियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था यथावत रहेगी।