शिमला (एमबीएम न्यूज) : प्रदेश में विधानसभा चुनाव की हलचल शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तूफानी दौरे कर रहे हैं, वहीं भाजपा को त्रिदेव सम्मेलनों के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों के दौरे हो रहे हैं। लिहाजा आम लोगों में जिज्ञासा चुनाव की घोषणा को लेकर बढ़ रही है। टटोलने पर पाया गया कि भारत निर्वाचन आयोग ने 2012 विधानसभा चुनाव की घोषणा 4 अक्तूबर 2012 को की थी। अगर इसी को आधार बना लिया जाए तो मौजूदा कांग्रेस सरकार के करीब चार महीने ही बचे हैं।
काफी हद तक यह तय माना जा रहा है कि इस बार भी हिमाचल व गुजरात के चुनाव की घोषणा एक साथ हो सकती है। जानकार बताते हैं कि राज्य की कांग्रेस सरकार इस बात को लेकर तैयार है कि दो महीने ही शेष बचे हैं। हालांकि पिछली विधानसभा में सरकार का कार्यकाल 10 जनवरी 2013 को पूरा होना था, लेकिन नई विधानसभा के नतीजे 20 दिसंबर को ही आ गए थे। जानकारों का कहना है कि करीब दो महीने बाद दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों में टिकटों की जंग पूरे परवान पर पहुंच जाएगी।
2012 में नामांकन भरने की अंतिम तिथि 17 अक्तूबर थी, जबकि मतदान 4 नवंबर को हुआ था। 20 दिसंबर को गुजरात के साथ ही हिमाचल की मतगणना हुई थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 36 सीटें मिली थी, जबकि हिलोपा को एक सीट पर संतोष करना पड़ा था। भाजपा ने 26 सीटों पर कब्जा जमाया था। पांच निर्दलीय विधायकों ने जीत हासिल की थी। बहरहाल काफी हद तक यह तय माना जा रहा है कि सितंबर के बाद कभी भी राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने की संभावना रहेगी।