वी कुमार /मंडी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य भर में थर्मोकोल से बनने वाली डिस्पोजल वस्तुओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बात का ऐलान सीएम जयराम ठाकुर ने सुंदरनगर में पर्यावरण दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान किया। सीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर राज्य सरकार गंभीरता से काम कर रही है। प्रदेश में पहले ही पॉलिथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया और इस प्रतिबंध पर सख्ती से काम किया जा रहा है। लेकिन अब थर्मोकोल की डिस्पोजल वस्तुओं के इस्तेमाल पर भी सरकार ने प्रतिबंध लगाने का निर्णय ले लिया है।
सीएम ने कहा कि थर्मोकोल से बनी डिस्पोजल प्लेट और गिलास सहित अन्य वस्तुएं न सिर्फ पर्यावरण के लिए घातक हैं, बल्कि इनके इस्तेमाल से शरीर पर भी विपरित प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पत्तों से जो पत्तलें और डोने बनाए जाते हैं, उनके इस्तेमाल पर अधिक जोर दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि सरकारी समरोहों में पानी की छोटी प्लास्टिक बोतलों का प्रचलन काफी बढ़ता जा रहा है, जबकि एक बोतल लंबे समय तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती रहती है। उन्होंने कहा कि अब सरकारी कार्यक्रमों में छोटी प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं होगा और इसके प्रचलन को धीरे-धीरे बंद किया जाएगा।
वहीं सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्टील की पानी पीने की बोतलें देने का ऐलान भी किया। यह बोतलें मुख्यमंत्री वर्दी योजना के तहत दी जाएंगी ताकि बच्चे अपनी बोतल का इस्तेमाल पानी के लिए कर सकें और बीमारियों से बच सकें। उन्होंने कहा कि सरकार के यह निर्णय जन सहभागिता के बगैर पूरे नहीं हो सकते इसलिए इसमें आम जन मानस को भी अपना सहयोग देना होगा। उन्होंने लोगों से सरकार को इस व्यवस्था को बनाने के लिए सहयोग की अपील भी की।
जब सीएम से हाईकोर्ट के आदेशों पर काटे जा रहे फलदार पौधों के कटान को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि यह निर्णय कोर्ट का है लेकिन सरकार इसमें जल्द ही कोर्ट से निवेदन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि फलदार पौधे अवैध व सरकारी भूमि पर लगे हैं। लेकिन सरकार कोर्ट के समक्ष अपना यह पक्ष रखेगी कि इन पौधों को काटने के बजाय इन्हें सरकार के अधीन किया जाए ताकि सरकार इनकी सही ढंग से देखभाल कर सके और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।