कांगड़ा (रीना शर्मा) : “तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है, अंधेरो से भी रही रोशनी है”, ये फ़िल्म के बोल एक जोड़े ने चरितार्थ करके दिखाए जो शादी के बंधन में बंधे। इस प्रेम के आगे तेजाब से मिले गहरे जख्म भी भर गए और वो दोनों एक-दूसरे के हो गए। जफ़ा और जाकिर ने विवाह करके सारे समाज के लिए एक मिसाल कायम कर दी है। हिमाचल के कांगड़ा जिले की लंज पंचायत के चकवन डूहकी गांव में तेजाब कांड में बुरी तरह से झुलसी जफां (शालू) के साथ खुंडियां के समेतर के रहने वाले उसके फौजी मंगेतर जाकिर ने निकाह कर लिया है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार जफां का निकाह पहले 6 नवंबर को जाकिर के साथ होना निश्चित हुआ था, लेकिन 26 अक्तूबर को लंज के चकवन डूहकी में दो चचेरी बहनों ने पीने के पानी के लिए अपने ही चाचा की लड़की जफां पर तेजाब से हमला कर दिया।
जफां तेजाब हमले में गंभीर घायल हो गईं। उस दौरान चीन बॉर्डर पर सेवाएं दे रहे जफां के मंगेतर जाकिर घर छुट्टी पर आए थे। जाकिर को घटना की जानकारी मिली तो वे जफां का इलाज करवाने के लिए पहुंच गए। जाकिर टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा से लेकर आईजीएमसी और पीजीआई तक अपनी मंगेतर की देखरेख करते रहे।
जाकिर की हिम्मत का नही जबाब।
शालू के शौहर जाकिर ने कहा कि अगर निकाह के बाद तेजाब वाली घटना होती तो क्या वे अपनी पत्नी का इलाज नहीं करवाते। निकाह दो दिलों का बंधन होता है। अभी भी जफां का इलाज चल रहा है। हर रोज मरहम पट्टी के लिए शालू को अस्पताल ले जाना पड़ता है। पालमपुर के मारंडा में आंखों का चेकअप करवाने के लिए जफां के पति जाकिर लेकर गए हैं। पीजीआई में चेकअप के लिए ले जाना है।
बेटी का दिया साथ।
जफां के पिता मुंशीदीन ने बताया कि जाकिर ने किसी की परवाह किए बिना उनकी बेटी का साथ दिया। जाकिर ने आखिर 30 नवंबर को तेजाब हमले के एक महीने चार दिन बाद शालू से निकाह करने की बात रखी। इसे हम भी नकार नहीं सके। दोनों का निकाह सादगी के साथ कर दिया गया। जफां के ससुर जलालदीन और सास गुलामू बीबी भी हालचाल पूछते रहे। मुंशीदीन ने जफां के लिए ऐसा जीवन साथी मिलने पर भरी आंखों से जाकिर की प्रशंसा की।
तेजाब फेंकने वाले हैं हिरासत में।
तेजाब हमले में फिलहाल जफां उर्फ शालू की दोनों चचेरी बहनें और सगी ताई पुलिस हिरासत में हैं। बताया जाता है कि तेजाब फेंकने के लिए दोनों बहनों को सगी ताई ने तेजाब दिया था।
Input/Photo Courtesy : अमर उजाला