शिमला (एमबीएम न्यूज) : डेंटल कालेज शिमला में सामान की खरीद में अनियमितताओं का आरोप लगा है। शिमला नागरिक सभा ने यह आरोप लगाते हुए मामले की जांच और दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कारवाई की मांग उठाई है।
सभा ने इस बाबत प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर को पत्र लिखा है, जिसमें जल्द से जल्द मामले की जांच करने की मांग की गई है। सभा के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि एक आटोक्लेव इन्वेस्टमेंट की कीमत डेढ़ लाख ली गई जबकि इसकी वास्तविक कीमत 40 हजार से ज्यादा नहीं थी। इस में डेंटल कलेज को कुल मिलाकर 10 लाख का घाटा हुआ। कमेटी द्वारा सामान को रिजेक्ट किया गया लेकिन न तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया और न ही जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।
उन्होने कहा कि 60 डेंटल कुर्सियों की खरीद में सीवीसी के निर्देशों की अवहेलना की गई। एल वन कुर्सियों की जगह एल टू कुर्सियां खरीदी गईं। जो कुर्सी 1 लाख 9 हजार में खरीदी जानी चाहिए थी वो 2 लाख 63 हजार में खरीदी गई। इसमें डेंटल कलेज को 42 लाख 92 हजार का नुकसान हुआ।
इस बीच सभा सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि एक अन्य खरीददारी जिसकी योजना तैयार की जा रही है ,वह 1 करोड़ से ज्यादा की कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफ(सीबीसीटी) से स बन्धित है। जिस कंपनी को आटोक्लेव यंत्रों की खरीद की जिम्मेवारी दी गई थी व जिसने भारी घपला किया था, उसी कंपनी को यह ठेका दिया जा रहा है। ऐसी मशीनों की खरीददारी के लिए एक उचित अंदरूनी मेकैनिज्म होना चाहिए ताकि कोई एक व्यक्ति विशेष ऐसी खरीददारी में घपलेवाजी करने में सफल न हो।
उन्होंने कहा है कि डेंटल कलेज में की जा रही उपकरणों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है व इसकी उचित जांच होनी चाहिए।