कुल्लू (नीना गौतम) : भाजपा दलित सम्मेलन से चर्चा में आई प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति महिला मोर्चा की सचिव सीता राखा के सितारे राजनीति में शायद ठीक नहीं बैठ रहे हैं। या यूं कहें कि सीधे सभाव की नेत्री राखा को राजनीति के दांव पेच में पीसना पड़ रहा है। पहले जिला परिषद अध्यक्ष पद की सीट गुटवाजी के कारण गवानी पड़ी और अब मंच पर भी सीट सुरक्षित नहीं रह रही है।
कुल्लू में भाजपा महिला सम्मेलन का आयोजन था और तैयारियां जोरों पर थी। सीता राखा भी अपनी टीम के साथ सभा स्थल में तैयारियों में जुटी थी। लेकिन अंतिम क्षण में पता चला कि मंच पर बैठने की लिस्ट में सीता राखा का नाम ही नहीं था।
कार्यक्रम महिलाओं का था और प्रदेश अनुसूचित जाति महिला मोर्चा की सचिव को ही सीट नहीं यह तो भाजपा जाने, लेकिन महिला मोर्चा की सभी अन्य महिलाओं का लिस्ट में नाम भी था और सीट भी मिली। फिर आखिर सीता राखा की सीट को किसका ग्रहण लगा इसका मंथन हो रहा है।
यह सब देख सीता राखा अपने आंसू रोक नहीं पाई और सभा स्थल से फवक फवक रोते हुए चली गई। उस समय ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सीता राखा कार्यक्रम में आएगी ही नहीं लेकिन पार्टी के लिए समर्पित राखा कार्यक्रम में आई और दर्शकों की आगे बाली पंक्ति में अन्य नेताओं के साथ विराजमान हुई।
गौर रहे कि जिला परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी भी भाजपा की ही गलत रणनीति से सीता को गवानी पड़ी थी। भाजपा के पास बहुमत होते हुए भी सीता राजनीति की शिकार हुई थी और रोहिणी चौधरी ने कांग्रेस व आजाद प्रत्याशियों को अपने साथ मिलकर कुर्सी पर कब्ज़ा जमा लिया थी।