हमीरपुर (एमबीएम न्यूज): प्रदेश जहाँ पर्यटन की राह में काफी आगे बढ़ चुका है। लेकिन जिला पर्यटकों को आकर्षित कर पाने में अभी तक नाकाम साबित हुआ है। 1972 में अस्तित्व में आए इस जिला में 42 साल के बाद भी कोई बड़ा पर्यटक स्थल विकसित नहीं किया गया है। जिला को पर्यटक हब बनाने के लिए गाँव- गाँव की कहानी जैसी योजनाएं चलाई गई थी, लेकिन सिर्फ यह योजनाएं फाइलों में ही दब कर रह गई है।
हालांकि नैसर्गिक रूप से सुंदर जिला में अनेक पर्यटक स्थल हैं, लेकिन अभी तक सरकार या पर्यटन विभाग की तरफ से इनके विकास के लिए कोई भी सार्थक प्रयास नहीं हो सका है। शहर में एनएच के किनारे होटल हमीर का खाना खा कर पर्यटक जिला को अलविदा कर जाते हैं। पर्यटक स्थलों शिमला और धर्मशाला के बीच जिला को टूरिस्ट हब बनाने के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। हमीरपुर जिला में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई बार मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस मास्टर प्लॉन के तहत जिले के पर्यटक स्थलों को विकसित करने की योजनाएं बनाई गई है, ताकि पर्यटकों की आवाजाही में बढ़ोतरी हो सके।
जिला में सुजानपुर का ऐतिहासिक चौगान मैदान व राजा संसार चंद के जर्जर हो रहे महल पर्यटन का एकमात्र केंद्र है। धार्मिक आस्थाओं के चलते बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध, टौणीदेवी मंदिर एवं शनिदेव मंदिर लंबलू,गसोता महादेव मंदिर व अवाहदेवी मंदिर धार्मिक पर्यटक स्थल बने हैं। बेशक पूर्व भाजपा सरकार ने इन स्थानों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कुछ सुविधाएं जुटाने का प्रयास किया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद पर्यटन विकास के लिए किए गए प्रयास वहीं थम गए।
धार्मिक आस्था और मजबूरी में धार्मिक पर्यटक ही आते हैं। इसके अलावा जिला में ऐसी कोई सैरगाह नहीं है, जिसके लिए पर्यटक जिला में पहुँचे। यहां तक कि समूचे जिला में कोई भी बेहतर मनोरंजन पार्क और रोपवे मौजूद नहीं है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने। पर्यटकों को रुकने के लिए कोई पार्किंग या मनोरंजक पार्क की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में पर्यटन विकास की आस लगाए बैठे पर्यटन वयवसायी निराश हैं। जिला मुख्यालय को छोड़ दिया जाए तो समूचे जिला के कस्बों में पार्किंग तक की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में धार्मिक पर्यटन को छोड़कर जिला में कोई पर्यटक आना नहीं चाहता है।
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यहाँ हैं पर्यटन विकास की संभावनाएं
बड़सर और लठियानी के बीच टूरिस्ट प्वाइंट, सुजानपुर,नादौन के बीच ब्यास नदी में वाटर सपोर्ट्स तथा शाहतलाई दियोट्सिद्ध में रोप-वे विकसित कर जिला में पर्यटकों की आमद को बढ़ाया जा सकता है। नादौन कस्बे के साथ ब्यास नदी के आसपास बड़सर के कालका देवी मंदिर,समैला के सिद्ध चानों मंदिर, बड़सर की शुक्करखड्ड, सुजानपुर की ब्यास नदी के आसपास के स्थलों को मनोरम पर्यटक स्थल बनाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सुजानपुर और नादौन में पर्यटक स्वागत केंद्र खोलकर टूरिस्ट सर्किट को विकसित किया जा सकता है।
शिक्षा की हब तो बन गया लेकिन पर्यटक हब बनने से कोसो दूर….
यू तो हमीरपुर की पहचान प्रदेश में शिक्षा हब के रूप में है लेकिन पर्यटन हब के रूप में जिला हमीरपुर अपने आप को विकसित नही कर पाया है। प्रशासन व सरकार ने भी कभी इस ओर ध्यान देने की जहमत नही उठाई । जिला में कई पर्यटन स्थल ऐसे है जोकि पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो सके है ।
उधर इस संबध में डीसी मदन चौहान ने बताया कि जिला को पर्यटन की दृष्टि से आगे ले जाने के लिए योजनाएं चलाई जाएगी। उन्होने बताया कि हमीरपुर को पर्यटन का हब बनाने के लिए भी कई कदम उठाए जाएगें