नाहन (एमबीएम न्यूज) : अगर बाड़ ही खेत को खाने लगे तो कल्पना कीजिए क्या होगा। यही शब्द, सिरमौर की प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर भी चर्चा में हैं। दरअसल, कुछ महीने पहले न्यायपालिका की सख्ती पर प्रशासनिक अधिकारियों समेत राजनीतिज्ञों को अपने वाहनों से लाल या नीली बत्ती को उतारना पड़ गया था। अब बत्ती का रुतबा चला गया तो क्या करते। लिहाजा सरकारी वाहनों पर पदनाम की पट्टिकाएं चस्पा कर दी गई। सिरमौर में डीसी समेत प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों पर पदनाम पट्टिकाएं लगी हुई हैं।
सवाल यह उठता है कि जब प्रशासन के मुखिया ही नियमों का उल्लंघन करेंगे तो इसका असर आम जनता पर क्या पड़ेगा। मजेदार बात यह पता चली है कि बत्ती हटने के बाद ही डीसी की सरकारी गाड़ी पर पदनाम की पट्टिका चढ़ी है। कुछ अधिकारी पहले से ही पदनाम की पट्टिका का इस्तेमाल कर रहे थे।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने पदनाम पट्टिका के नियमों को लेकर पुलिस समेत ट्रांसपोर्ट महकमे के अधिकारियों से बात की तो जवाब एक ही था कि पदनाम पट्टिका नहीं लग सकती। पाठकों ने प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लगाई गई पदनाम पट्टिका की तस्वीरें भेजी हैं।
यह भी जानकारी मिली है कि कुछ राजनीतिज्ञ भी पदनाम की पट्टिकाएं अपने वाहनों पर चस्पा किए हुए हैं। दीगर है कि कुछ महीने पहले पांवटा साहिब के एसडीएम एचएस राणा का कुम्हारहट्टी में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को लेकर चालान कर दिया गया था। इस पर भी काफी बवाल मचा था। बहरहाल सवाल इस बात पर ही उठता है कि आला प्रशासनिक अधिकारियों को ही नियमों का ज्ञान खुद क्यों नहीं है।
उधर संपर्क किए जाने पर आरटीओ सुनील शर्मा ने कहा कि डेजीगनेशन की पट्टिका नहीं लगाई जा सकती। साथ ही साफ किया कि विभाग के आला अधिकारी ही इस मामले में कुछ कह सकते हैं। वहीं पुलिस के भी एक आला अधिकारी ने माना कि पदनाम पट्टिकाएं नहीं लगाई जा सकती।