घुमारवीं (सुभाष कुमार गौतम): हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में होनहार बेटी ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। ईशा चौहान के नाम यह रिकॉर्ड 700 में से 694 अंक हासिल करने की वजह से दर्ज हुआ है। पहले यह रिकॉर्ड 693 का था। दो विषयों गणित व संस्कृत में 100 फीसदी अंक पाए हैं। अंग्रेजी में दो अंक, वहीं कंप्यूटर साईंस में एक कटने का मलाल ईशा को है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने ईशा से संपर्क साध कर इस उपलब्धि पर बधाई दी, पूछा-आपको रिकॉर्ड बनने की खबर कब मिली तो आत्मविश्वास से लबरेज ईशा ने कहा कि मंगलवार को जब परिणाम आया तो पता नहीं चला। लेकिन बुधवार दोपहर तक पूरी स्थिति स्पष्ट हो गई थी।
स्कूल प्रशासन ने भी नया रिकॉर्ड बनने पर ईशा को बधाई दी है। सोचिए, ईशा चौहान की इस उपलब्धि के बारे में: चार विषयों में एक नंबर कटा, जबकि एक विषय में दो अंक ही कटे।
कमाल की बात यह भी है कि ईशा ने मनोरोग चिकित्सक बनने का सपना देखा है। नन्हीं सी बच्ची बचपन से ही इस सपने को देख रही है। चाहती तो आईएएस व आईपीएस जैसे ग्लैमरेस पद हासिल करने की भी सोच सकती थी, क्योंकि दिन-रात पढऩे का जुनून है। पिता रणवीर एक शिक्षक हैं तो माता गृहणी है। मिनर्वा सीनियर सेकंडरी स्कूल के संचालक प्रवेश कुमार का कहना है कि हरेक छात्र को हर तरह की सुविधा देने का प्रयास किया जाता है।गौरतलब है कि इस साल दसवीं की परीक्षा में इस स्कूल के आठ छात्रों ने मेरिट सूचि में जगह बनाई है।
एक जवाब यह भी…
ईशा चौहान से एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने एक सवाल पूछा कि घुमारवीं से ही इतने मेधावी छात्र क्यों निकल रहे हैं तो तपाक से बोली, सर आपस में खूब कंपीटिशन है। यहां तक की उसके अपने स्कूल में भी काफी कंपीटिशन था। अपने मूलमंत्र के बारे में ईशा ने कहा कि औसतन 15 घंटे की पढ़ाई को वह काफी इनजॉय करती थी। बहरहाल अगर ईशा को एक मनोरोग चिकित्सक बनना है तो स्वाभाविक है कि मेडिकल की ही पढ़ाई करनी होगी।