नाहन (एमबीएम न्यूज): सिरमौर भाजपा अध्यक्ष सुखराम चौधरी बैठे-बिठाए ही कचहरी के चक्कर में फंस गए हैं। चौधरी ने बुधवार को जिला व सत्र न्यायधीश की अदालत में 10 हजार रुपए का निजी मुचलका भरा है। लिहाजा सुनवाई में हाजिर होना होगा, अन्यथा इस राशि को जब्त करने के अलावा गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए जा सकते हैं। मामला 15 सितंबर 2011 से जुड़ा हुआ है।
पांवटा साहिब के ईटीओ के खिलाफ विजीलेंस ने कथित रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया था। बाद में विजीलेंस ने इस मामले में निरस्त रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। इसी बीच जब रिश्वतखोरी के मामले के शिकायतकर्ता जसवीर के अदालत में बयान रिकॉर्ड हुए तो उन्होंने अदालत को बताया कि तत्कालीन मुख्य संसदीय सचिव सुखराम चौधरी समेत कुछ अन्य लोगों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए जांच को प्रभावित किया है। इसके बाद ही जिला व सत्र न्यायधीश की अदालत ने पूर्व सीपीएस व भाजपा जिलाध्यक्ष सुखराम चौधरी को तलब कर लिया।
इस मामले में जिला न्यायवादी डॉ. एमके शर्मा का कहना है कि निजी मुचलका भरने का मतलब है कि सुनवाई पर हाजिर होना होगा। उधर पांवटा कांग्रेस मंडल के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा समेत सुरजीत सिंह, अवतार सिंह व प्रेम पाल ठाकुर इत्यादि ने भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने चौधरी से नैतिकता के स्तर पर अपनी पार्टी के संगठन पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि बुधवार को चौधरी सुखराम जिला व सत्र न्यायधीश की अदालत में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में निजी मुचलका भरा है। इससे साबित होता है कि सत्ता के समय चौधरी ने किस तरीके से अपने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि रेणुका उप चुनाव के दौरान भी चौधरी पर पवित्र परशुराम ताल में शराब फैंकने के संगीन आरोप लगे थे। कांग्रेसियों ने कहा कि रेणुका उप चुनाव में चौधरी ने धन-बल के साथ शराब का जमकर इस्तेमाल किया था।
उधर खुद भाजपा जिलाध्यक्ष सुखराम चौधरी ने माना कि वह कोर्ट में गए थे। उन्होंने तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इसी बीच अदालत में चौधरी के मामले की पैरवी कर रहे भाजपा जिला सैल के संयोजक टीका राम ने कहा कि जब तक कॉपी उपलब्ध नहीं होती, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता।