पांवटा साहिब (शैलेंद्र कालरा): शहर में रेलिंग कम डिवाइडर, क्या माचिस की तीलियों की तरह बनाया गया है, जो कभी भी भयानक हादसे को न्यौता दे दे। विधायक किरनेश जंग ने जितने किलो के श्रेय लेने के मकसद से इश्तहार बांट दिए, शायद उतना लोहा ठेकेदार ने इस निर्माण कार्य में नहीं लगाया है। यह व्यंग्यात्मक सवाल सोशल मीडिया में विधायक किरनेश जंग से किया जा रहा है।
नेशनल हाईवे-72 पर हादसों की बढ़ती तीव्रता को रोकने के लिए डिवाइडर लगाने का फैसला किया गया। मगर ये डिवाइडर बेहद खतरनाक व जोखिमपूर्ण हैं। बताते हैं कि सन फार्मा ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबलिटी के तहत बजट मुहैया करवाया था। सवाल इस बात पर भी उठाया जा रहा है कि विधायक ने इस कार्य को अपनी उपलब्धियों की फेहरिस्त में तो शामिल कर लिया, लेकिन जिम्मेदारी से बचने की कोशिश हो रही है, क्योंकि घटिया सामग्री के इस्तेमाल से रेलिंग व डिवाइडर सडक़ों पर बिछना शुरू हो गए हैं।
घटिया सामग्री के इस्तेमाल से लगे डिवाइडर एक व्यक्ति की मौत की वजह बन चुके हैं, जबकि आधा दर्जन के करीब लोग चोटिल हुए हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अनिंद्र सिंह नौटी ने कहा कि वास्तव में माचिस की तीलियों से रेलिंग बनाई गई है। उन्होंने कहा कि घटिया सामग्री के इस्तेमाल से हाईवे पर सफर अधिक जोखिमपूर्ण हो गया है।
उन्होंने कहा कि भले ही एक उद्योग द्वारा सीएसआर के तहत लाखों रुपए मुहैया करवाए हैं, लेकिन धरातल पर इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। लिहाजा इस कार्य की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। इस मामले में नगर परिषद व विधायक की प्रतिक्रिया आनी शेष है।