नाहन (शैलेंद्र कालरा) : खबर शुरू करने से पहले कुछ पहलुओं को स्पष्ट करना जरूरी है। एमबीएम न्यूज ने सेना से जुड़ी जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले गंभीरता से मंथन किया है। इस दौरान पाया गया SFTS नाहन से जुड़ी जानकारी पहले ही सार्वजनिक है। इसी के चलते पाठकों को यह बताने का फैसला लिया गया कि देश के जांबांज पैरा मिलिट्री कमांडोज की कठिन से कठिन ट्रेनिंग यहीं होती है।
संभवत: सर्जिकल स्ट्राईक में एलओसी पार करने वाले जांबांज सिपाहियों ने अपनी ट्रेनिंग का कुछ हिस्सा यहां भी पूरा किया होगा। शहर के लोगों ने अक्सर हैलीकॉप्टर से जांबांज कमांडोज को कूदते देखा होगा। लेकिन शायद ही कोई जानता होगा कि यही जांबांज सिपाही देश की सीमाओं पर ऐसे कारनामे कर दिखाते हैं, जो इतिहास बनता है।
सीधे तौर पर स्थानीय सैन्य प्रशासन का इस मामले पर मीडिया से बात करने का सवाल ही नहीं उठता। तस्दीक तो नहीं हुई है, लेकिन एमबीएम न्यूज ने ऐसे वीडियो व इनपुट तलाश किए, जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि पैरा मिलिट्री कमांडोज की जटिल ट्रेनिंग SFTS में होती है। NDTV के मुताबिक म्यांमार की सीमा में घुसकर आतंकियों को ठिकाने लगाने वाले जांबांज भी यहीं तैयार हुए थे। कमांडोज की ट्रेनिंग का वीडियो भी यू-टयूब पर उपलब्ध है।
विकीपीडिया के मुताबिक 15 जुलाई 1987 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने SFTS को मंजूरी दी थी। दिसंबर 1997 में स्पैशल फोर्सिज ट्र्रेनिंग स्कूल को पुनर्गठित किया गया। इसके बाद जनवरी 2003 में आर्मी हैड क्वार्टर ने इसके रि-स्ट्रक्चर को लेकर मंजूरी दी। वर्ष 2010 में SFTS को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शिफ्ट करने की बातें भी हुई थी।
शहर को भी है गर्व
एक लंबे अरसे से शहर में सिविलयन का सैन्य प्रशासन से विवाद चल रहा है। यहां तक की कई मर्तबा प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के राजनीतिज्ञों से तो मिल चुके हैं, एक-दो मर्तबा केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर परिकर से भी मुलाकात की। सर्जिकल स्ट्राईक के बाद यहां के बाशिंदों को भी यह समझना चाहिए कि देश को आज SFTS की बड़ी जरूरत है।
बजाय सेना के विरोध के, संवाद से समस्या का समाधान करना चाहिए। पाक सीमाओं पर सैंकड़ों गांव खाली करवा लिए गए हैं। घरों को छोड़ रहे लोगों ने यहां तक कहा कि देश की रक्षा सर्वोच्च है, घर तो फिर बन जाएंगे। एमबीएम न्यूज ने इंटरनेट पर खंगालने के दौरान पाया कि SFTS का रुतबा भारतीय सेना में काफी महत्वपूर्ण है।
टीवी चैनल रिपोर्टस की कई खबरों में भी इस बात का जिक्र आया है कि सर्जिकल स्ट्राईक के कमांडोज की ट्रेनिंग नाहन में हुई।