नाहन, 31 अगस्त : ब्राॅडबैंड में अब बीएसएनएल के सामने महारथी निजी कंपनियां भी मैदान में हैं। ऐसे में बीएसएनएल को अपनी साख को बचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि मंगलवार को अचानक ही बिल का भुगतान न करने वाले यूजर्स की कनेक्टिविटी बंद कर दी गई।
तर्क दिया गया कि ये समस्या पूरे उत्तर भारत में आई। मगर हैरान कर देने वाली बात यह है कि 10 घंटे बीत जाने के बावजूद भी बीएसएनएल उन यूजर्स की कनेक्टिविटी को बहाल नहीं कर पाया, जिन्होंने सूचना मिलते ही ऑनलाइन बिलों का भुगतान कर दिया था। अब सवाल उठता है कि अगर ऐसा निजी कंपनी के यूजर्स के साथ हुआ होता तो उनकी सेवाएं कितनी देर में बहाल हो जाती।
यूजर्स ने सवाल उठाया है कि जब पूरा एक दिन सेवाएं ही नहीं मिली तो क्या बीएसएनएल अब इन यूजर्स के मासिक भुगतान के बिल में कटौती करेगा। कुछ यूजर्स ने उपभोक्ता फोरम का भी दरवाजा खटखटाने की बात कही है, क्योंकि ऐसे यूजर्स की कनेक्टिविटी भी काट दी गई, जिनका बिल मात्र 11 दिन पुराना था। सवाल ये भी उठता है कि अगर समूचे उत्तर भारत में ये समस्या आई तो निश्चित तौर पर बीएसएनएल को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। वैसे ये अलग बात है कि सेवाएं न देने के बावजूद बीएसएनएल मासिक बिल में उपभोक्ताओं से वसूली कर लेगा।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में बीएसएनएल के सोलन स्थित डीजीएम संजीव तोमर ने कहा कि ये समस्या पूरे उत्तर भारत में आई। पूरा दिन अभियंताओं की टीम इसे दुरुस्त करने में लगी हुई थी। उनका कहना था कि तकनीकी खामी आ सकती है, लेकिन वो इस बात का सटीक जवाब नहीं दे पाए कि इतने लंबे समय तक उन यूजर्स की क्यों बनी रही, जिन्होंने तुरंत ही बिल का भुगतान भी कर दिया था। कुल मिलाकर इस घटना के बाद बीएसएनएल के उन यूजर्स को सचेत रहने की आवश्यकता है, जो भूलवश बिल का भुगतान करने में देरी कर बैठते हैं।