शिमला, 01 मई : लंबे समय बाद इंद्रदेव पहाड़ों की रानी शिमला पर मेहरबान हुए। राजधानी शिमला व आस-पास के क्षेत्रों में रविवार की शाम झमाझम बारिश हुई। बारिश से जहां आम लोगों के चहरे खिल गए, वहीं वन विभाग के लिए बारिश वरदान साबित हुई है।
बारिश की वजह से जंगलों में लगी आग भी बुझ गई, जिसे बुझाने के लिए वन विभाग के पसीने छूटे हुए थे। शिमला शहर के टूटीकंडी जंगल में आज भीषण आग लगी थी। आग की लपटें शहर से देखी जा रही थीं। आग का रौद्र रूप देखकर हर कोई सहम रहा था। शहर के रिहायशी इलाकों की तरफ आग बढ़ रही थी।
टूटीकंडी स्थित बालिका आश्रम को भी इससे खतरा पैदा हो गया था। इसके अलावा तारादेवी का जंगल कई दिनों से सुलग रहा था। इस फायर सीजन में कई सौ हेक्टयर जंगल वनाग्नि में बर्बाद हो चुका है। गर्मी के वजह से आग और भीषण होता जा रही थी। कई इलाकों में वनाग्नि रिआयशी इलाकों तक पहुंच गई थी, लेकिन वन विभाग जंगलों में लगी आग को काबू नहीं कर पा रहा था। इन हालातों में बादलों के बरसने से वन महकमे ने राहत की सांस ली और करोड़ों की वन संपदा जलने से बच गई।
राजधानी में 5 बजे के करीब आसमान पर घनघोर बादल मंडराने लगे और देखते ही देखते बारिश शुरू हो गई। लगभग एक घण्टे तक बारिश का दौर चला। उधर, जिले के ऊपरी इलाकों ठियोग, मतियाना व रोहड़ू में जोरदार ओलावर्ष्टि हुई, जिससे सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है।