मंडी (वी कुुमार): लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए प्रयासरत मंडी जनपद की विख्यात संस्था मांडव्य कला मंच ने अपना 28 वां स्थापना दिवस मंडी शहर के साथ लगती मझवाड़ पंचायत के गांव सायरी में देव सायरी मंदिर परिसर में मनाया। मंच के अध्यक्ष कुलदीप गुलेरिया की अध्यक्षता में हुए इस स्थापना दिवस समारोह में मंच के नए पुराने कई कलाकारों ने भाग लिया।
इस मौके पर पारंपरिक लोक गीतों लोक गीतों पर आधारित एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जबकि लोक संस्कृति का चिंतन व सुझाव पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कलाकारों का मत था कि वर्तमान में टीवी, इंटरनेट व अन्य कई माध्यमों से परोसी जा रही संस्कृति लोक संस्कृति के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। यह भी कहा गया कि युवाओं का गलैमर की ओर बढ़ता झुकाव भी एक चिंतनीय विषय है।
हालांकि यह भी निर्णय लिया गया कि लोक संस्कृति को बचाने के लिए सोशल मीडिया एक अच्छा माध्यम हो सकता है और एक अभियान चलाकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सकता है। यदि ऐसा न किया गया तो बुजुर्गों द्वारा सहेज कर रखी गई लोक संस्कृति के मिट जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। भाषण प्रतियोगिता में मयन गुलेरिया लुणापानी प्रथम, ज्योति मंडी द्वितीय तथा साधना चडयारा तीसरे स्थान पर रही। लोक गीत प्रतियोगिता में साधना मंडी प्रथम, कोमल सुंदरनगर द्वितीय व कनिका धनेश्वरी तीसरे स्थान पर रही। इन सभी को मंच के प्रधान कुलदीप गुलेरिया ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
प्रथम स्नातक नर्तक दिनेश गुप्ता, केशव, गोबिंद राम व खेमू चौहान ने इसमें निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। इस मौके पर मंच के प्रधान ने बताया कि 28 साल का सफर किस तरह से पूरा हुआ है। उन्होंने बताया कि मंच ने मंडी जनपद की लुड्डीए बुढड़ा व अन्य लोक संस्कृति के परिचायक गीतों व नृत्यों को राष्ट्रीय मंच पर तक पहुंचाया है। मंच इस समय कई लोक विषयों पर शोध का काम कर रहा है।
इस मौके पर सचिव विनोद कुमार ने भी अपने विचार रखे। रमा गुलेरिया, महासचिव, विनोद गुलेरिया व श्यामलता समेत कई कला प्रेमी सदस्यों ने इसमें भाग लिया। मंच ने इस दौरान इलाके के प्रख्यात धार्मिक स्थल माता धुआं देवी का भी दौरा किया व स्थानीय लोगों को लोक संस्कृति के संरक्षण हेतु जागरूक किया।