शिमला (एमबीएम न्यूज़): इंटक ने मजदूर संगठन सीटू पर किन्नौर जिले के शोंगटोंग और कढ़च्छम परियोजनाओं के कामगारों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। इंटक के राज्य सचिव कुलबंत सिंह नेगी ने शिमला में आज पत्रकार वार्ता में शोंगटोंग बिजली परियोजना में सीटू के आंदोलन की आलोचना करते हुए कहा कि इस वजह से 108 मजदूरों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थपूर्ति के लिए सीटू के बडे़ नेता परियोजना में माहौल बिगाड़ रहे हैं तथा इसका खामियाजा यहां काम करने वाले मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है। सीटू के आंदोलन की वजह से कई मजदूर पलायन करने पर भी विवश हो रहे हैं। नेगी ने कहा कि किन्नौर जिले में इंटक ने पटेल शोंगटोंग-कडच्छम युनियन का गठन किया है तथा यूनियन की प्राथमिकता मजदूरों के हितों का ख्याल रखना है।
उन्होंने कहा कि यूनियन द्वारा बिजली परियोजनाओं में श्रमिक कानूनों का सही तरीके से कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है तथा सीटू नेताओं के मजदूरों के वेतन लंबित रहने के आरोप सरासर गलत हैं। उन्होंने शोंग टोंग परियोजना में श्रम कानून के उल्लंघन के सीटू के आरोपों को निराधार बताया और सीटू नेताओं राकेश सिंघा और टिकेंद्र पंवर को चुनौती दी कि वे उन मजदूरों के नाम सार्वजनिक करें, जिन्हें कंपनी प्रबंधन वेतन नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि परियोजना में अकुश मजदूरों को 17 हजार 41 रूपए प्रति माह, अर्ध कुशल को 19 हजार 744 रूपए, कुशल को 24 हजार 532 तथा उच्च कुशल मजदूर को 30 हजार 743 रूपए प्रति माह वेतन दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि सभी मजदूरों का 15 मार्च तक का वेतन जारी कर दिया गया है।