नाहन (एमबीएम न्यूज): ऐसा नहीं है कि 23 साल की उम्र में मुकाम नहीं पाया जा सकता। इस उम्र में आज युवा आईएएस व आईपीएस भी बनने लगे हैं, लेकिन इस तरह की मिसाल दुर्लभ ही होती है।
हालांकि एमबीएम न्यूज नेटवर्क अपने पाठकों को बता चुका है कि सिरमौर के 12 युवाओं ने एक साथ सहायक प्रोफैसर की परीक्षा उत्तीर्ण की है, लेकिन रोहनाट के द्राबिल गांव के रविंद्र शर्मा की सफलता कुछ हटकर लगी, क्योंकि रविंद्र शर्मा महज 23 साल की उम्र में सहायक प्रोफैसर बने हैं। संभव होगा कि अपनी उम्र से कुछ वर्ष छोटे स्टुडेंटस भी अब मिलेंगे।
इतिहास विषय में सहायक प्रोफैसर बने रविंद्र शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार के अलावा इष्ट देव महासू महाराज को दिया है। द्राबिल गांव में जन्में रविंद्र शर्मा ने अपने पिछड़े गांव में ही प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई शिमला में पूरी की।
तमाम 12 सफल उम्मीदवारों में रविंद्र शर्मा भी सबसे कम उम्र के सहायक प्रोफैसर हैं। उन्होंने कहा कि अपने पिछड़े इलाके में उच्चशिक्षा की अलख जगाने में अपना भरसक प्रयास करेंगे।