शैलेंद्र कालरा की रिपोर्ट
शिमला/चंडीगढ, 16 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) करोड़ों के घाटे में है। घाटे के बावजूद निगम ने परिवहन सेवा में समूचे देश में एक अलग पहचान बनाई है। किफायत के नजरिए से अगर, एचआरटीसी चंडीगढ़ के 43 सेक्टर के बस स्टैंड का मोह छोड़ दे तो हर साल करोड़ों रुपए की किफायत की जा सकती है। ये शब्द काल्पनिक लग सकते हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत है।
दरअसल, मंगलवार को पंजाब रोडवेज (Punjab Roadways) ने बस अड्डे को 43 सेक्टर से बदलकर मोहाली फेस-6 (Mohali Phase-6) करने का ऐलान करने का ऐलान कर दिया है। गेट मीटिंग में पंजाब रोडवेज व पन बस (PUN BUS) कर्मचारी संयुक्त एक्शन कमेटी ने दो टूक कह दिया है कि हमारी बसें 43 सेक्टर नहीं आएंगी, साथ ही चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (CTU) की बसों को भी पंजाब में नहीं घुसने दिया जाएगा।
अब, सवाल ये उठता है कि हिमाचल के लिए मुनाफे का सौदा क्या है। हालांकि, निगम के शीर्ष अधिकारियों से आंकड़ों को लेकर सीधी बात नहीं हुई है, लेकिन एमबीएम न्यूज नेटवर्क को पुख्ता जानकारी मिली है। ये चौंकाने वाली इस कारण भी है, क्योंकि निगम पहले से ही घाटे में है।
क्या है धरातल की सच्चाई….
एक तरफ निगम को सीटीयू की धौंसबाजी का सामना करना पड़ता है, वहीं बसों की पार्किंग के लिए एचआरटीसी हर महीने लगभग 38 लाख रुपए चंडीगढ़ को दे रहा है। 0 से 15 मिनट की पार्किंग के लिए भी 200 रुपए की राशि चुकानी पड़ती है। अधिकतम 1200 रुपए तक की वसूली भी होती है।
आंकड़ों के मुताबिक रोजाना ही 40 से 50 बसों की पार्किंग बस स्टैंड पर होती है। रोजाना, बस स्टैंड से निगम की 500 से 550 बसें अप-डाउन करती हैं। जानकारों का ये कहना है कि बस स्टैंड को मोहाली में शिफ्ट करने से 15 से 20 लाख तक की बचत हो सकती है। इसके अलावा निगम की बसों के डीजल की भी बचत होगी।
43 सेक्टर पहुंचने के अप-डाउन में ही औसतन 24 अतिरिक्त किलोमीटर का सफर होता है। इसके अलावा जब निगम की बसें चंडीगढ़ में दाखिल ही नहीं होंगी तो सीटीयू (CTU) के हिमाचल में दाखिल न होने पर निगम की बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।
मोटे अनुमान के मुताबिक बस स्टैंड को शिफ्ट करने से हिमाचल पथ परिवहन निगम को सालाना 3-4 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है। निगम के कर्मचारियों से जुड़े संगठन भी समय-समय पर इसकी मांग उठाते रहे हैं। अरसा पहले सीटीयू द्वारा निगम की बसों को जब्त कर लिया गया था। इसके बाद मामले ने खासा तूल पकड़ा था।
ये भी खास….
करीब 7 साल पहले देश का पहला वातानुकूलित बस स्टैंड मोहाली (AC Bus Stand Mohali) के 6 फेज में बना था। बाबा बंदा सिंह बहादुर इंटर स्टेट बस टर्मिनल का उदघाटन दिसंबर 2016 में हुआ था। इस बस स्टैंड में वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई, जो सामान्य तौर पर एयरपोर्ट पर होती हैं।
बहरहाल, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) के प्रबंधन को ये गंभीरता से सोचना चाहिए कि निगम के खर्चे को बचाने के लिए ये कदम कारगर साबित होगा या नहीं।
@R1