पांवटा साहिब 22 अक्टूबर : रामलीला मैदान में गौ-रक्षा के उद्देश्य को लेकर अनशन पर बैठे गौरक्षक सचिन ओबरॉय को जबरन उठा दिया गया है। यह तर्क दिया गया कि पांवटा साहिब अस्पताल में विशेषज्ञ न होने के कारण सचिन को नाहन मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा है। प्रशासन ने सुबह का वक्त इस कारण चुना क्योंकि इस समय लोगों की आमद कम होती है।
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बता दें कि बीती रात सचिन का मेडिकल चेकअप भी किया गया था। पुलिस की कार्रवाई के दौरान सचिन इस बात पर अड़े रहे कि वह अनशन जारी रखना चाहते हैं, लेकिन पुलिसकर्मियों ने सचिन की नहीं सुनी। शुक्रवार सुबह 6 बजे सचिन को अनशन शुरू किए हुए करीब 68 घंटे का वक्त हो चुका था। हालांकि पानी का सेवन सचिन कर रहे थे लेकिन इस दौरान खाने का एक निवाला भी ग्रहण नहीं किया।
सिरमौर से कैबिनेट मंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अलावा खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष एवं मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष इत्यादि शीर्ष नेताओं की मौजूदगी के बावजूद गायों की दुर्दशा व बेसहारा पशुओं की स्थिति बेहद ही शर्मनाक दौर से गुजर रही है। चंद सप्ताह पहले सचिन ने सांकेतिक धरना दिया था। इसमें सचिन ने जल्द ही बेसहारा पशुओं व गोवंश को लेकर स्थिति में सुधार करने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर सचिन ओबरॉय अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए थे।
अनशन स्थल पर लगातार लोगों का उमड़ रहा सैलाब व अन्य वर्गों के बढ़ते समर्थन को भी यह वजह माना जा रहा है कि अचानक ही स्थानीय प्रशासन ने सचिन को अनशन से उठाने का फैसला ले लिया।