शिमला, 26 जून : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुल्लू प्रवास के दौरान दो पुलिस अधिकारियों के बीच झड़प की घटना पर हिमाचल पुलिस ने चिंता जताई है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद पुलिस मुख्यालय में शनिवार को पुलिस अधिकारियों के लिए विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया।
राज्य हिमाचल पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस एवं एचपीएस अधिकारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की ओर से शनिवार को जारी एडवाइजरी में आईपीएस व एचपीएस अधिकारियों को अपना आचरण सही रखने व उकसाने पर भी शांत रहने की नसीहत दी गई है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी पुलिस अधिकारियों को उनके अपने पदों के अनुरूप शालीन आचरण के उच्च मानकों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो। ड्यूटी के निर्वहन के दौरान वर्दी में अधिकारी के अशोभनीय किसी भी आचरण से सख्ती से बचना चाहिए।
संजय कुंडू ने कहा है कि अपने साथी अधिकारियों व आम जनता के साथ बातचीत करते समय पुलिस अधिकारियों को हमेशा हमेशा शांत रहना चाहिए, चाहे कोई भी उकसावे का मामला क्यों न हो। पुलिस अधिकारी याद रखें कि उन्हें राज्य के कल्याण के लिए कार्य करना हैं और उनका प्राथमिक कर्तव्य जनता की सेवा करना है। उन्हें कभी भी अधिकारी की कर्तव्य की भावना नहीं खोनी चाहिए।
एडवाइजरी में कहा है कि सभी पुलिस अधिकारियों को उनकी कमजोरियों व उनके व्यक्तित्व में कमियों की पहचान करनी चाहिए और इनके निराकरण के लिए वे विभाग के भीतर किसी ऐसे व्यक्ति से मदद ले सकते हैं, जिसके साथ वे सहज हों। इसके अलावा वे पेशेवर की भी मदद ले सकते हैं। क्रोध या अवसाद जैसी समस्याओं का समाधान तभी किया जा सकता है, जब उनसे पीड़ित व्यक्ति इसे स्वीकार करने को तैयार हो जाए।
डीजीपी ने एडवाइजरी में सभी पुलिस अधिकारियों को उचित पारस्परिक संबंधों को बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा गया है कि पुलिस का सारा काम आपसी सहयोग पर निर्भर करता है। सार्वजनिक समारोहों और वीवीआईपी डयूटी के दौरान यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पुलिस अधिकारियों को ये भी समझने की जरूरत है कि हिमाचल पुलिस में हम सभी पेशेवर सहयोगी हैं, चाहे वह कांस्टेबल हो या अधिकारी हो, एक ही वर्दी पहने सभी एक ही लोकाचार से बंधे हैं।
एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देशों के बारे में युक्तियुक्त व्यवहार करना सीखना चाहिए। उन्हें अक्सर बिना किसी अग्रिम तैयारी के वास्तविक समय में संकटों और स्थितियों का जवाब देने की जरूरत होती है। पुलिस अधकारियों को अपने काम में दक्ष होना चाहिए। एडवाइजरी के अनुसार पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों के प्राधानाचार्यों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि वे प्रशिक्षण पाठयक्रम में माॅक एक्सरसाइज, माॅक ड्रिल इत्यादि शामिल करें ताकि दबाव में होने पर संयम और शिष्टता के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा सके।
एडवाइजरी में पुलिस अधिकारियों को नसीहत दी गई है कि वे अपनी ओहदे के दम पर किसी को गुमराह न करें। डीजीपी ने कुल्लू प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। डीजीपी संजय कुंडू ने कहा है कि इस घटना से न केवल प्रदेश पुलिस की छवि धुमिल हुई है, बल्कि पुलिस के पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए बेहतर कार्यों पर भी असर डाला है।
उन्होंने कहा कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इससे जनता की तरफ से नकारात्मक और अत्यधिक अप्रतिष्ठित सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिल रही है। प्रदेश पुलिस द्वारा जनता की सेवा के लिए किए गए बेहतर प्रयास, बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं की बरामदगी और कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए किए गए सभी प्रयास इस प्रकरण से प्रभावित हुए हैं।
डीजीपी ने ये भी कहा है कि कुल्लू प्रकरण में पुलिस अधिकारियों का ऐसा आचरण पूरी तरह से अनुचित और अवांछनीय है। इस मामले में सबसे अहम ये है कि जांच के परिणाम की परवाह किए बिना, यह महत्वपूर्ण है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।