नाहन / संध्या कश्यप: हिमाचल व हरियाणा की सीमा पर स्थित पवित्र मारकंडा नदी की पवित्रता को बचाने के लिए हरियाणा की दर्जनों संस्थाएं आंदोलन पर उतरने के लिए तैयार हो गई है। मारकंडा नदी के बचाव को लेकर हरियाणा की करीब 40 संस्थाओं ने मारकंडा बचाओं समिति का गठन किया है। लोगों का कहना है कि हिमाचल की फैक्टरियों से निकलने वाले दूषित पानी ने नदी की पवित्रता को खत्म कर दिया है। रोजाना हजारों लीटर गंदा पानी मारकंडा नदी में जा रहा है। दर्जनों संस्थाओं की समिति का एक सम्मेलन हिमाचल व हरियाणा की सीमा पर स्थित मारकंडेश्वर मंदिर में संपन्न हुआ। जिसमंे इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने रणनीति तैयार की। समिति ने हिमाचल सरकार को चेताया है कि यदि हिमाचल की फैक्टरियों से निकलने वाले दूषित पानी को रोकने बारे जल्द कदम न उठाया गया तो हिमाचल से हरियाणा आने पर लोगों को पांबदी लगाई जाएगी। लोग बैरियरों पर धरना प्रदर्शन कर रोष जताएंगें। लोगों का कहना है कि पवित्र मारकंडा नदी पर स्नान करने के लिए पहले लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते थे और स्थानीय लोग भी मारकंडा नदी पर जाकर पवित्र स्नान करते थे। मगर आज यह पूरी नदी दूशित हो चुकी है। आरोप है कि हिमाचल की करीब आधा दर्जन फैक्टरियों का दूषित पानी इस नदी में छोडा जाता है। कैमिकल युक्त पानी से लोगों के सैंकडो पषु भी मर चुके है। यहीं नही लोग इस पानी के इस्तेमाल से बिमारियों के भी शिकार हो रहे है। लोगों ने बताया कि जल्द इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की जाएगी। लोगों का कहना है कि इस बारे में जहां कई बार हरियाणा सरकार को अवगत करवाया जा चुका है वहीं हिमाचल सरकार से भी इस बारे में कई बार बातचीत हो चुकी है मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं लोगों ने साफ किया कि आने वाले चुनाव में यहां लोग चुनाव का बहिष्कार करेगें। मांग पूरी न होने तक यहां लोग किसी राजनैतिक पार्टी को समर्थन नहीं करेगें।
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