नाहन, 20 जनवरी : जन्मभूमि की मिट्टी की सुगंध ही कुछ ओर होती है। विदेश की धरती में बैठकर ग्लैमर तो हासिल किया जा सकता है, लेकिन सुकून का कोई मतलब ही नहीं होता। युवा पीढ़ी मैट्रो या फिर विदेशों में बसकर सुनहरे भविष्य के सपने लेती है। लेकिन कि आम्वाला के रहने वाले एक उच्च शिक्षित युवक रूधिर चौहान ने करीब 8 साल पहले दुबई में अपने शानदार कैरियर को त्याग दिया था। इसके पीछे वजह यह थी कि वो अपने गांव में रहकर खेती बाड़ी व बाग़वानी करेंगे। ऐसा वो अब कर भी रहे हैं।
पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव में प्रधान का पद अनारक्षित हुआ तो तुरंत ही इसे जन सेवा का माध्यम बनाने का फैसला ले लिया। केवल एक ही सपना देख रहे हैं कि प्रधान बनकर अपनी आम्बवाला-सैनवाला पंचायत को हिमाचल की आदर्श पंचायत बनाएं। साथ ही भाईचारे की एक ऐसी मिसाल कायम करें, जिसे देखकर पूरा हिमाचल सबक ले। उन्होंने चुनाव लड़ रहे अपने दोनों विरोधियों को भी शुभकामनाएं देते हुए गुज़ारिश की कि नतीजा चाहे जो भी हो, हम सब मिलकर अपनी पंचायत को प्रदेश की अग्रणी पंचायतों में शुमार करेंगे।
दुबई में कई सालों तक रुधिर ने अकाउंटस का कार्य एमएनसी कंपनियों में किया है, लिहाजा वो इस बात को बखूबी जानते हैं कि सरकार से मिलने वाले फंड की पाई-पाई का हिसाब कैसे रखना है। 2020 में कोरोना संकट के दौरान आम की फसल तैयार थी। इसके लिए तुड़ान से लेकर बेचने वाले नहीं मिल रहे थे।
रुधिर ने न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार दिया, बल्कि खुद भी उनके साथ कार्य किया। फसल को बेचने की नौबत आई तो खुद ही कालाअंब-नाहन हाईवे पर बैठकर आम भी बेचे। हर कोई इस सादगी को देखकर हैरान तो होता था, मगर अब चुनाव के पर्व में मतदाता इसे आंकते हैं या नहीं, ये उन पर निर्भर करता है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में रुधिर चौहान ने कहा कि चुनाव 21 तारीख को खत्म हो जाएंगे। प्रचार के दौरान जो भी अनुभव मिले, वो जीवन में काफी काम आएंगे। बेहद ही भावुक होकर बोले कि मेरी पंचायत मेरा स्वाभिमान हैै। यहां आपसी भाईचारा ऐसा होना चाहिए, जिसे देखकर हर कोई दाद दे। जहां तक पंचायत के कार्यों का सवाल है तो बिना भेदभाव के हर वार्ड का विकास होगा। सरकार बहुत कुछ देती है, लेकिन धरातल पर अमल में नहीं लाया जाता।
ये भी बोले…
रुधिर चौहान ने कहा कि पंचायत का काफी हिस्सा नेशनल हाईवे से जुड़ा हुआ है। अगर पर्यटन के लिहाज से भी पंचायत क्षेत्र को विकसित किया जाए तो आमदनी का जरिया बढ़ाया जा सकता है। यदि पंचायत स्वावलंबी होगी तो अपने स्तर पर भी विकास कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। हर घर तक सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की तो समस्याएं होनी ही नहीं चाहिए थी। लेकिन तुरंत ही इसका निस्तारण करने को लेकर एक रोड मैप तैयार किया जाएगा।