आनी/ राकेश शर्मा:
हिमाचल में कुल्लू के आनी खंड की ग्राम पंचायत कराणा की चोटी पर स्थित पनेऊ एक रमणीक पर्यटन स्थल है। खूबसूरत वादियों और घने देवदार के जंगलों से घिरा यह स्थान सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां सुंदर पनेऊ नाग का मंदिर भी है। इसके अलावा यहां से पंद्रह किमी पहले जलोड़ी जोत और सरेउल सर झील भी स्थित है जो पर्यटकों की पसंद है। क्षेत्र की सबसे खूबसूरत वादियों में शुमार पनेऊ की प्राकृतिक सुंदरता के कायल लोग यहां बार-बार आने को आतुर रहते हैं।
अंग्रेजों का बसाया पनेऊ को सरकार ने इको टूरिज़्म के तहत विकसित करने का बीड़ा तो उठाया लेकिन मौजूदा हालत को देखते हुए सरकार की ये पहल धराशाही हो गई है। गौर रहे वर्ष 1948 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी यहां दौरा कर चुके है। जिसका प्रमाण यहां के रजिस्टर में अंकित उनके द्वारा किए गए हस्ताक्षर से मिलता है, जो आज भी शिमला के म्युज़ियम में सुरक्षित है।
वर्ष 1948 में कुल्लू-मनाली दौरे के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लगभग एक महीना कुल्लू-मनाली की हसीन वादियों में ही बिताया था। विश्राम गृह औऱ जलोडी जोत सड़क को कवर करने के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाई शुश-पनेऊ संकरी सड़क बनाई गई थी, लेकिन ये सड़कें आज तक चौड़ी नहीं हो पाई। मौजूदा स्तिथि में यह सड़क वन विभाग के अधीन है, जिसे लोनिवि के अंतर्गत लाने की भी मांग चली रह थी। इस सड़क को चौड़ा करने के लिए बीते दो वर्ष पूर्व सीएम ने दस लाख रुपए की घोषणा की है।
सीएम जयराम ठाकुर ने आनी में पूर्ण राजयत्व दिवस के मौके पर कहा था कि प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है। ज़रूरत है यहां के खूबसूरत स्थलों को विकसित करने की। यहां के विश्राम गृह का जीर्णोद्धार कुल्लुवी शैली में किया जाएगा ताकि यहां की संस्कृति को भी बढ़ावा मिले। साथ ही चोटी पर बसे रानीकोट में एक सुंदर मेला हर वर्ष मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार ग्राम पंचायत रोपा, मुंडदढ़,पोखरी आदि कई पंचायतों में सदियों पहले महामारी फैल गई थी। इस बीमारी से बचने के लिए ही लोग देवताओं की शरण मे गए थे। अगर यहां पर्याप्त सुविधाएं मिल जाए तो दूर-दराज़ के पर्यटकों को यहां की खूबसूरती को निहारने का अवसर प्राप्त होगा।