बिलासपुर, 8 दिसम्बर : जिला में कोरोना संक्रमण का एक नया मामला सामने आया है, जो लोगों में चर्चा का विषय तो बना ही हैं, वहीं अब स्वास्थ्य विभाग के लिए गले की फांस भी बन गया है।
इस मामले को विभाग की लापरवाही नहीं बल्कि नाकामी माना जा रहा है। जब यह मामला जिला प्रशासन के पास पहुंचा तो बिलासपुर उपायुक्त रोहित जमबाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच बिठा दी और गठित कमेटी को इस मामले की रिपोर्ट 2 दिन में देने के आदेश जारी कर दिए हैं।
बता दें की एक दिसम्बर को घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायत पडयालग के गांव बाड़ी में स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना वायरस के सैंपल लेने आई। जिसमें मदन लाल पुत्र प्रभू राम मदन की पत्नी व बेटे के कोरोना वायरस के सैंपल लिए गए साथ ही गांव वालों के सैंपल भी लिए गए। मदन लाल ने बताया कि विभाग द्वारा लिए सैंपल में उनके बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनको उनके पिता प्रभू राम का सैंपल लेने का भी संदेश मोबाईल पर भेजा गया, जिनकी मृत्यु 36 साल पहले हो चुकी थी।
इतना ही नहीं संदेश में प्रभु राम को होम आइसोलेशन पर रहने के फरमान भी जारी कर दिए गए। जिसको देखने के बाद परिवार हैरान हो गया। जब यह विषय लोगों में पहूंचा तो चर्चा का विषय बन गया, साथ ही स्वास्थ्य विभाग पर लोग केई तरह के सवाल उठाने लगे हैं।
वहीं मदन लाल ने विभाग की इस तरह की कार्रवाई पर रोष जताया। यह मामला जिला प्रशासन के पास पहुंचा तो बिलासपुर उपायुक्त रोहित जमबाल विषय को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ बिलासपुर को इस बिषय की जांच के आदेश जारी कर दिए और दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। उपायुक्त ने पूछा है कि विभाग ने इस तरह की बड़ी गलती और लापरवाही कैसे की।