शिमला, 31 अगस्त : जिला शिमला के 22 संपन्न लोग गरीबों की सबसे निचली श्रेणी बीपीएल(BPL) में अपने नाम दर्ज करवाकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। काफी समय से यह फर्जीबाढ़ा चल रहा है। चोैंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में सरकारी मुलाजिमों के साथ-साथ क्लास वन अफसर(class one officer) भी शामिल हैं। पूरे प्रदेश में ऐसे 125 नाम सामने आ चुके हैं। मोटी तनख्वाह लेने वाले ये लोग सालों से डिपुओं में मिलने वाले गरीब लोगों के सस्ते राशन को डकारने के अलावा गरीबों को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं भी ले रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिमला जिला में जो 22 अफसर व कर्मी बीपीएल सूची में नामजद पाए गए हैं, उनमें आबकारी विभाग का अधिकारी, पुलिस सब इंस्पेक्टर, मेडिकल ऑफिसर शिमला के एक बड़े अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स, कॉलेज प्रिंसिपल, लेक्चरर, पुलिस कॉंस्टेबल, कृषि विभाग अधिकारी, फार्मासिस्ट, फिमेल हैल्थ वर्कर, सुपरवाइजर, लेंगवेज टीचर और डी.पी(Excise Department Officer, Police Sub Inspector, Medical Officer Staff Nurse, College Principal, Lecturer, Police Constable, Agriculture Department Officer, Pharmacist, Female Health Worker, Supervisor, Language Teacher) शामिल हैं।
खाद्य एवं आपूर्ति जिला नियंत्रक शिमला ने इन लोगों को नोटिस जारी कर सात दिनों में जवाब मांगा है।बता दें कि फर्जी बीपीएल राशनकार्ड बनाकर नौकरी हासिल करने वालों पर गाज गिरना तय है। ग्रामीण विकास विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने के आदेश दे चुका है। बीपीएल(BPL) सूची में शामिल अफसरों-कर्मियांे के अलावा पंचायत प्रधान व सचिव पर भी मामले दर्ज होंगे, क्योंकि इनकी मिलीभगत के बगैर इस स्तर पर फर्जीबाढ़ा नहीं हो सकता है।