ऊना: हिमाचल सरकार के आदेश के बाद उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मां चिंतपूर्णी में मन्दिर के कपाट कोरोना वायरस को लेकर बंद कर दिए गए है। जिससे मां के दरबार आने वाले श्रदालु माता रानी के दर्शन नहीं कर सकेंगे। डीसी ऊना संदीप कुमार ने इसकी पुष्टि कर दी है। मंगलवार सुबह 10 बजे के बाद श्रदालुओं की मन्दिर जाने की एंट्री पर पाबंदी लगा दी है।कोरोना वायरस के चलते हिमाचल सरकार को ये कदम उठाना पड़ा है।डीसी ऊना संदीप कुमार ने बताया कि सोमवार रात को ठहरे हुए श्रदालुओं को मंगलवार सुबह नौ से दस बजे तक मन्दिर दर्शन करवाने की व्यवस्था की गई।
उसके बाद मन्दिर के कपाट बंद कर दिए है। अब सिर्फ मन्दिर पुजारियों को जाने की अनुमति होगी। इसके साथ मन्दिर पुजारीयों की तरफ से रोजाना की तरह मन्दिर में आरती भोग सभी कार्य रूटीन में किए जाएंगे। मगर मन्दिर में माता रानी के दर्शनों के श्रदालुओं के आने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। श्रदालुओं को वेबसाइट व मोबाइल पर माता रानी की पिंडी के लाइव दर्शन करवाने की सुविधा उपलब्ध रहेंगी। बताते चले की चिंतपूर्णी में 25तारीख से नवरात्रे शुरू हो रहे हैं। नवरात्रों के दौरान भारी संख्या में पंजाब, हिमाचल व विदेशो से श्रदालु यंहा पहुंचते हैं। जिस कारण कोई श्रदालु कोरोना वायरस से संक्रमित न हो, इस कारण सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है की इससे पहले पिछले कल डीसी ऊना ने चिंतपूर्णी में सभी सरायों व लंगरों को बंद करने के आदेश जारी किए थे।उधर पुजारी बारीदार सभा के पुजारी सदस्य ने इस बारे कहा कि सरकार ने जो आदेश दिए हैं उनका पालन किया जाएगा।चिंतपूर्णी मन्दिर को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।कोरोना वायरस के चलते ऐसा निर्णय लिया गया है।आगामी आदेशों तक चिंतपूर्णी मन्दिर में श्रदालुओं की एंट्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
वहीं डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने बाबा बालकनाथ मंदिर, दियोटसिद्ध के परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) की ओर से जारी आदेशों की अनुपालना में यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि बाबा बालक नाथ मंदिर, दियोटसिद्ध के परिसर में 17 मार्च, दोपहर 2 बजे के उपरांत आगामी आदेशों तक सभी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस बारे में स्थानीय पुलिस प्रशासन व मंदिर अधिकारी को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। मंदिर स्थित बाबा बालक नाथ की गुफा में सुबह व सायंकाल की पूजा-अर्चना पूर्व की भांति बिना किसी बाधा के जारी रहेगी, लेकिन इसमें केवल अधिकृत पुजारी ही पूजा संपन्न करेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वेबकास्टिंग तथा सोशल मीडिया (यू-ट्यूब) के माध्यम से पूजा-अर्चना का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की जा रही है। बाबा बालकनाथ मंदिर ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर भी बाबा बालक नाथ जी के दर्शन व पूजा का सीधा प्रसारण किया जाएगा। उन्होंने बाहरी राज्यों व अन्य स्थानों से आने वाले सभी श्रद्धालुओं से इसमें सहयोग की अपील की है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त आदेशों के अनुसार जिला में विभिन्न सामाजिक समारोहों जैसे सत्संग जगराता, जागरण, कीर्तन, लंगर, भोज, भंडारा, अन्य पार्टियों एवं सामुदायिक भोज (धाम) इत्यादि के आयोजन पर भी आगामी आदेशों तक प्रतिबंध रहेगा। अपरिहार्य परिस्थितियों में जिला दंडाधिकारी की विशेष अनुमति के उपरांत ही ऐसे आयोजन किए जा सकेंगे।
उपायुक्त ने जिला के सभी लोगों से यह भी आग्रह किया है कि बहुत आवश्यक न होने की स्थिति में अपने घरों से बाहर भीड़-भाड़ वाले स्थलों की यात्रा न करें, ताकि कोविड-19 के प्रभाव में आने अथवा इसके संक्रमण से बचा जा सके। अगर विशेष परिस्थितियों में कार्य के लिए घरों से बाहर निकलना आवश्यक हो तो कोविड-19 से बचाव संबंधी सावधानियों का अवश्य ध्यान रखें।