सोलन : विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर इस साल दूसरी बार 115 साल पुराना ऐतिहासिक भाप का इंजन दौड़ता नजर आया। इस बार इंजन को दौड़ाने के लिए ब्रिटिश सैलानियों ने बुकिंग करवाई थी। जिसकी ऐवज में रेलवे विभाग को सैलानियों ने 1.24 लाख रूपए किराया भी दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐतिहासिक ट्रैक पर सफर के लिए इंग्लैंड से 29 सैलानी उत्सुक थे। जिसके बाद उन्होंने रेलवे विभाग से सफर के लिए संपर्क किया और शुक्रवार को ऐतिहासिक भाप के इंजन से रोमांचक सफर शुरू हुआ। दोपहर करीब साढ़े 11 बजे शिमला से सोलन के कैथलीघाट के लिए ऐतिहासिक शिमला-कालका रेलवे ट्रैक पर भाप का इंजन दौडऩा शुरू हुआ। इस दौरान भाप के इंजन से जोड़े गए 3 लग्जरी कोच में ब्रिटिश के 29 सैलानियों ने शिमला से कैथलीघाट तक 21 किलोमीटर का सफर तय किया। एक घंटा कैथलीघाट में रुकने के बाद स्टीम इंजन वापिस शिमला लौटा।
इस दौरान इंजन से निकलने वाली छुक-छुक की ध्वनी ने न केवल ब्रिटिश सैलानियों अपितु आसपास के लोगों व अन्य सैलानियों को खूब रोमांचित किया। भाप के पिस्टन में आगे-पीछे चलने और बाहर निकलने से छुक-छुक की आवाज पैदा होती है। इंजन में बजने वाली सीटी भाप के दबाव से बजती है। डीजल इंजन के मुकाबले स्टीम इंजन की सीटी ज्यादा तीखी और दूर तक सुनाई देने वाली होती है। जिसको सुनकर दूर दूर के क्षेत्रों से लोग यहां पंहुचे।
गौरतलब है कि सात ब्रिटिश सैलानियों ने 115 साल पुराने स्टीम इंजन की बुकिंग करवाई थी। रेल विभाग ने इसकी बुकिंग के लिए किराया एक लाख 24 हजार सभी के लिए तय कर रखा है। इंग्लैंड के सैलानियों ने स्टीम इंजन बुक करवाया था और आज 29 सैलानी सफर पर निकले। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक साल के भीतर दूसरी बार भाप का इंजन ट्रैक पर दौड़ा है।