नाहन : ऐतिहासिक चौगान मैदान में धराशायी पेड़ के मामले में नगर परिषद ने बेहद ही रोचक दलील दी है। इसका खुलासा आरटीआई में हुआ है। इसके मुताबिक संयुक्त निरीक्षण समिति द्वारा पेड़ खोखला होने के कारण इसे काटने की संस्तुति की गई थी, लेकिन इसी बीच अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी द्वारा पेड़ की शाखाओं को काटने की मंजूरी दी गई।
नगर परिषद द्वारा शाखाओं को काटने के लिए चार बेलदार गणेश बहादुर, कर्मचंद, गुरविन्द्र व वनरक्षक नंदलाल को तैनात किया गया। जब वो पेड़ पर चढ़े तो पेड़ से कड़-कड़ की आवाज आने लगी। साथ ही पेड़ झुकने लगा। खतरनाक स्थिति में पेड़ गिरने की स्थिति में आ गया। पेड़ पर चढ़े बेलदार तुरंत ही नीचे उतर आए। इसके बाद थोड़ी ही देर में पेड़ खुद ही धराशायी हो गया। अब यह आपको ही तय करना है कि आरटीआई के तहत नगर परिषद के इस जवाब से आप किस हद तक संतुष्ट हैं।
आरटीआई में नगर परिषद ने यह भी कहा है कि खेल मैदान में लगे पेड़ को काटना जरूरी था, क्योंकि इसका एक हिस्सा गिर चुका था। दिलचस्प बात यह है कि आरटीआई में उपलब्ध करवाई गई जानकारी के क्रमांक-1 में नगर परिषद कह रही है कि एक हिस्सा गिर जाने की वजह से इसे काटना जरूरी था, जबकि क्रमांक-3 में नगर परिषद ने तर्क दिया है कि पेड़ खुद गिर गया। यानि नगर परिषद खुद ही विरोधाभासी बात कह रही है।
दीगर है कि एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब कार्यकारी अधिकारी की पहली प्रतिक्रिया ली थी तो उन्होंने ने भी अनुमति न होने की बात कही थी, लेकिन बाद में अन्य अधिकारी परमिशन होने की बात कहने लगे थे।
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