एमबीएम न्यूज़/शिमला
हिमाचल विधानसभा के शिमला में चल रहे बजट सत्र में प्रश्नकाल के बाद विशेषाधिकार हनन की सूचना पर चर्चा करवाने की मांग कर रहे विपक्षी कांग्रेसी विधायकों ने आज़ सदन से वाकआउट कर दिया। कांग्रेस के शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने उनके द्वारा विधायक अवमानना के हनन का मामला सदन में उठाते हुए कहा कि उन्होंने हाल ही में अपने हल्के में तीन व्यक्तियों के नाम 20 हजार और 15-15 हजार के विधायक एच्छिक निधि से धनराशि जारी करने की संस्तुति की थी, लेकिन उन्हें कल ही पता चला कि उनके द्वारा की गई सिफारिश पर पांच अप्रैल 2019 के तीन चैक जारी किए गए। हर्षवर्धन चैहान ने कहा कि यह विधायक संस्थान की स्वायतता का मामला है और संबंधित अधिकारी के खिलाफ विधानसभा की विशेषाधिकार हनन समिति को यह मामला भेजा जाना चाहिए।
इस मामले पर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने जिलाधीश सिरमौर से बात की है और उन्होंने यह स्वीकार किया है कि दो चैकों में टाइपिंग की गलती हुई है और तीसरे चैक के विषय में जानकारी हासिल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि संबंधित विधायक के साथ जानबूझ कर कोई मजाक किया गया है। विधायक निधि की व्यवस्था का इस्तेमाल विधायकों की इच्छा के अनुसार ही किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक ने सदन में यह मामला उठाया है। उनकी कोशिश होगी कि इस विषय को सत्यापित किया जाएगा और तीसरे चैक के विषय में भी उन्हें जानकारी दी जाएगी।
सदन में इसी मामले को आगे बढ़ाते हुए विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने उनके विस क्षेत्र हरोली में फूड पार्क के उदघाटन में स्थानीय विधायक केा निमंत्रण न देने का मामला उठाया, इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्थाओं का पतन कहां से शुरू हुआ है, यह सब जानते हैं। हम भी जब उस तरफ हुआ करते थे, तो इसी प्रकार की पीड़ा व्यक्त करते थे, लेकिन सुनी नहीं जाती थी। हमारे समय में सारा कार्य पूरा होता था, लेकिन कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में ऐसे कार्यों का उदघाटन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पूर्व मंत्री रहते समय अपने 2 करोड़ रूपये से निर्मित बीडीओ भवन का शिलान्यास करवाया, लेकिन जब यह भवन बनकर तैयार हुआ, तेा कांग्रेस शासन में उनकी शिलान्यास पट्टिका उखाड़कर सीढ़ियों के पीछे लगा दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो फूड पार्क के विषय में मामला उठाया है, यह कोई गंभीर मामला नहीं है, क्योंकि निमंत्रण प्राइवेट कंपनी द्वारा दिया गया था।
इसके बावजूद भी कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चैहान संतुष्ठ नहीं हुए और मांग करने लगे कि उनके द्वारा उठाए गए विधायक के अवमानना हनन के मामले को विशेषाधिकार समिति में भेजा जाए, जिस पर स्पीकर राजीव बिंदल ने कहा कि आप इसके लिए अध्यक्ष को बाध्य नहीं कर सकते हैं और वो उनकी शिकायत पर नियमों का अवलोकर कर निर्णय देंगे और उन्हे अवगत करवा देंगे।
सदन में उस समय गहमागहमी हो गई, जब हर्षवर्धन चैहान स्पीकर के आसन तक पहुंचकर उनके द्वारा दिए गए शिकायत को वापिस मांगने लगे और ऐसा न करने पर वो विस सचिव से उलझते नजर आए। जिस पर सदन के नेता व सीएम जयराम ठाकुर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विधायक बचकाना हरकत कर रहे हैं और उन्होंने सदन की गरिमा का नुकसान पहुंचाया है। बाद में समुचा विपक्ष बिना किसी पूर्व चेतावनी के सदन से वाकआउट कर गया।