दिनेश कुंडलस/शिमला
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला की शान बरकरार रहेगी। जयराम सरकार ने स्टेडियम में पहली वर्षगांठ का जश्न न मनाने का फैसला ले ही लिया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। अब इस मैगा इवेंट को पुलिस ग्राउंड में शिफ्ट किया गया है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने 12 दिसंबर को यह मुद्दा उठाया था कि कैसे स्टेडियम में लोगों के हुजूम का कहर बरपेगा। मैदान में लोगों की भीड़ से मंहगी ग्रास के अलावा स्टेडियम में टूट-फूट की आशंका पैदा हो गई थी।
इस लिंक पर पढें, क्या उठाया गया था http:// https://goo.gl/Fpy2Tc
क्रिकेट प्रेमी भी सरकार के फैसले से नाखुश नजर आ रहे थे। सुरक्षा को लेकर कई अस्थाई ढांचे तैयार होने थे, इससे भी स्टेडियम की खूबसूरती को नुक्सान पहुंचता। 27 दिसंबर को जयराम सरकार एक साल का कार्यकाल पूरा होने का जष्न मना रही है। 25 से 30 हजार की भीड़ को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि अब मीडिया रिपोर्टस में यह भी दावा किया जा रहा है कि एचपीसीए भी स्टेडियम में रैली को लेकर सहमत नहीं थी। स्टेडियम की क्षमता 20 से 22 हजार के बीच है। लगभग 10 हजार कुर्सियां मैदान में लगाए जाने की तैयारी हो रही थी।
कुल मिलाकर रैली शिफ्ट होने से क्रिकेट प्रेमियों ने तो राहत की सांस ली है, वहीं अगर सरकार की सुरक्षा को वजह माना जाए तो एसपीजी भी खुश होगी। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने भी क्रिकेट स्टेडियम में आयोजन को लेकर तेवर तीखे कर लिए थे। जून में क्रिकेट स्टेडियम में ही इंवेस्टर मीट को लेकर भी संशय पैदा हो गया है।