एमबीएम न्यूज़/शिमला
शायद यह बात दुर्लभ ही होगी कि जब एक प्रशासनिक अधिकारी को गरीब बच्चे “परी आंटी” कहकर पुकारने लगे हो। ऐसी खुशी केवल वही अधिकारी हासिल कर सकता है, जिनका ऐसे बच्चों के साथ गहरा लगाव हो जाए। दरअसल इन दिनों एचएएस अधिकारी ज्योति राणा हिपा में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात हैं। आसपास के रहने वाले गरीब बच्चों से ज्योति राणा का गहरा संबंध बन गया है।
हालांकि एमबीएम न्यूज नेटवर्क में पहले भी ज्योति राणा के इस स्वभाव का खुलासा किया था, लेकिन इस बार नई खबर यह है कि इन बच्चों ने एचएएस अधिकारी ज्योति राणा को दुलार से एक नाम दे दिया है। हालांकि ज्योति राणा से इस बारे में बात नहीं हो पाई, लेकिन फेसबुक पेज पर लिखे एक स्टेटस में ज्योति राणा ने कहा कि अब बच्चे उन्हें “परी आंटी” कहकर पुकारते हैं। अपने जमाने में ज्योति राणा एक मॉडल भी रह चुकी है। मनाली व नाहन में एसडीएम रहने के दौरान लोगों से ज्योति राणा का एक गहरा संबंध बन गया था, जो आज भी बरकरार है।
छुट्टी के दिन ज्योति राणा अधिकतर वक्त इन बच्चों के साथ गुजारती है, जहां तक समर्थ हो वहां तक इन बच्चों की डिमांड भी पूरा करने में गुरेज नहीं करती। गरीब बच्चों को ज्योति राणा के आवास पर आने की खुली छूट है। अगर किसी बच्चे का जन्मदिन हो तो छोटी-मोटी पार्टी भी हो जाती है। मैडम के ड्राइंग रूम में बच्चे शुरू में आने से संकोच करते थे। यहां तक की जूते बाहर उतारने लगते थे, लेकिन अब बच्चों को आराम से अंदर आने में कोई संकोच नहीं होता। प्रशासनिक अधिकारी की अपनी बेटी व बेटा भी इन बच्चो से दोस्ताना व्यवहार करते हैं।
सनद रहे कि कुल्लू के डीसी यूनस ने एक शहीद की बेटी को गोद लेकर पूरे देश में एक मिसाल कायम की थी। कुल मिलाकर अगर हरेक प्रशासनिक अधिकारी इस तरह की सोच रखे तो लाजमी तौर पर समाज में बदलाव आ सकता है।
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