एमबीएम न्यूज़ /नाहन
प्रदेश की राजधानी शिमला को पेयजल संकट के चलते समूचे देश में शर्मसार होना पड़ा। राज्य के अन्य हिस्सों से भी समय-समय पर पानी की कमी को लेकर खबरें आती रही। मगर 1621 में बसे नाहन शहर में दशकों बाद ऐसा हुआ है कि जब गर्मियों में पेयजल संकट पैदा नहीं हुआ। विगत के 3 वर्षों की गर्मियों के सीजन पर नज़र दौड़ाएं तो नौबत कई बार ऐसी भी आई जब पानी के टैंकरों से सप्लाई की गई।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही हलके के विधायक डॉ राजीव बिंदल को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। अफसरशाही को चुस्त-दुरुस्त करने का ही नतीजा रहा कि न केवल शहर बल्कि आसपास के गांवों में भी पेयजल संकट को बखूबी काबू कर लिया गया। वीरवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि लंबे समय में ऐसा पहली बार हुआ है जब शहर वासियों ने गर्मियों में जमकर कपड़े भी धोए, साथ ही टैंकरों की सप्लाई पर फूटी कौड़ी भी विभाग को खर्च नहीं करनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि पेयजल संकट की समस्या के निस्तारण को शहर के लोगों ने करीब से देखा है। बिंदल ने कहा कि केवल एक व्यवस्था बनानी होती है, जिसके तहत हर एक समस्या पर नियंत्रण किया जा सकता है। खास बात यह है कि अब तो मानसून भी रफ़्तार पकड़ चूका है, लिहाजा अब चिंता नहीं है। अगले बरस तक तो शायद ददाहू लिफ्ट स्कीम भी क्रियान्वित हो जाए।