अभिषेक मिश्रा / बिलासपुर
जिला के खारसी और सोलन जिला के शालुघाट में हुआ चक्का जाम सात घंटे के जिला प्रशासन की मध्यस्ता के बाद खुल गया। यह चक्का जाम अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग द्वारा चलाए जा रहे स्कूल में बच्चो को दी जाने वाली बस सुविधा को बंद करने के विरोध में किया गया था। सुबह सात बजे से किया गया यह चक्का जाम दोपहर तीन बजे खुला। गौरतलब है कि जेपी सीमेंट उद्योग द्वारा विस्थापितों और प्रभावितों के बच्चो को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए स्कूल खोला गया था।
इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चो से स्कूल प्रबंधन 200 रु प्रति माह बस का किराया लेता था परन्तु कुछ समय पहले जेपी सीमेंट उद्योग को अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग ने ओवेरटेक कर लिया जिसके बाद इस स्कूल का प्रबंधन भी अल्ट्राटेक के हाथो में चला गया। अल्ट्राटेक ने बच्चों से लिए जाने वाले बस किराए को 200 रु एकदम बढ़ा कर 1200 रु कर दिया जिसका अभिभावकों ने विरोध किया। परिणाम स्वरूप स्कूल प्रबंधन ने फरमान जारी कर दिया की वह बच्चो को बस सुविधा नही देंगे।
अभिभावक खुद बच्चों को स्कूल छोड़ने और वापिस ले जाने का प्रबंध करे। गौरतलब है कि यह सीमेंट उद्योग बिलासपुर और सोलन जिला की सीमा में स्थित है। जिस कारण इस उद्योग से बिलासपुर और सोलन जिला के लोग विस्थापित और प्रभावित हुए है। उद्योग द्वारा चलाए जा रहे विद्यालय में भी इन दोनों जिला के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। बच्चो की बस सुविधा बंद करने पर बच्चो के अभिभावक गुस्सा हो गये।
जिला के अभिभावकों ने बच्चो सहित खारसी चौक और सोलन जिला के अभिभावकों ने अपने बच्चो के साथ शालुघाट में सुबह आठ बजे से चक्का जाम कर दिया। हालंकि दोनों जिलो से पुलिस बल मौके परे पहुंचा और करीब सात घंटे के बाद अभिभावकों और कंपनी प्रबंधन में जिला प्रशासन की मध्यस्ता के बाद सहमती बनी। हालाँकिजिला के उपायुक्त ने कंपनी प्रबंधन और स्थानीय लोगो को बैठक करने के लिए बिलासपुर बुलाया था परन्तु शालुघाट में सोलन जिला के अभिभावकों ने चक्का जाम किया हुआ था। जिस वजह से कंपनी प्रबंधन के अधिकारी वहा से जा नही सके। इन लोगो की मांग थी कि जो भी बैठक या फैसला होना है।
वह मौके पर होगा वह न तो खुद कहीं जायेंगे और न किसी वहां को यहाँ से जाने देंगे। जिसके बाद एसडीएम बिलासपुर प्रियंका और एसडीएम अर्की ने अभिभावकों और कंपनी प्रबंधन के बिच समझौता करवाया। मौके पर हुए समझोते के अनुसार कल से स्कूल प्रबंधन की बस बच्चो को लेने और छोड़ने के लिए आएगी। भी तक बस के किराए को लेकर कोई सहमती नही बनी और यह निर्णय हुआ कि दस दिन के अन्दर अन्दर कंपनी प्रबंध व अभिभावकों में मध्य एक बैठक का आयोजन होगा।
जिसकी अध्यक्षता बिलासपुर व सोलन जिला के उपायुक्त करेंगे इस बैठक में बस के किराए को लेकर सहमती बनाई जायेगी तब तक स्कूल प्रबंधन की बस छात्रों को लाने और ले जाने का काम करेगी। सोमवार को हुए समझोते में अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग की तरफ से ट्रांसपोर्ट अधिकारी नरेश मावा आये हुए थे। जिन्होंने एसडीएम द्वारा करवाए गए समझौते को मान लिया। इस समझौते के बाद एसडीएम प्रियंका ने इसकी घोषणा करके चक्का जाम को खुलवाया।
Latest
- Watch Video : कंगना बोली, अमिताभ बच्चन जी के बाद मुझे मिलता है इंडस्ट्री में प्यार व सम्मान
- देश की राष्ट्रपति अरुणोदय शर्मा की अदभुत प्रतिभा से प्रभावित, बालक ने किया ये आग्रह…
- कर्मेन्द्रियों की खुशी ढूंढने की कोशिश में हम भूल जाते हैं कि ‘मैं एक आत्मा हूं’ : बीके शिवानी
- 9 मई को मंडी में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे विक्रमादित्य सिंह
- एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर थे जयराम ठाकुर, धूमल चुनाव नहीं हारते तो कभी CM नहीं बनते