अभिषेक मिश्रा/ बिलासपुर
उतरी भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल एवं महाऋषि मार्कण्डेय की तपोभूमि पर होने वाले बैसाखी मेले के आयोजन को लेकर इस बार जिला प्रशासन ने कोई प्रबंध नहीं किए गए है। जिसके चलते यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैसाखी मेले के चलते महाऋषि मार्कण्डेय के मंदिर में साफ सफाई, रंग रोगन इत्यादि का कार्य नही किया गया है। मंदिर की दीवारे मुरम्मत और सफेदी के लिए तरस रही है, वहीं यहां पर आने वआले श्रद्धालुओं के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
मंदिर परिसर में बनी सराय में भी इस बार श्रद्धालुओं के कोई कमरा नहीं है क्यूंकि इन सरायो में पर्यटन विभाग द्वारा करवाए जा रहे काम की लेबर ठहरी हुई है, तथा जो कमरे शेष बचे है उसमे पुलिस और अन्य विभाग के कर्मचारी ठहरे हुए है। जिसके चलते मंदिर की सराय में इस बार श्रद्धालु के लिए कोई भी कमरा उपलब्ध नहीं है। यहीं नहीं मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओ के वाहनों के लिए पार्किंग तक की व्यवस्था नहीं की गई है गौरतलब है कि इस बार से मार्कण्डेय मंदिर को प्रशासन ने अपने अधीन कर रखा है। जिसके चलते इस बार के मेले को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे पूर्व यह मंदिर समिति के अधीन होता था और समिति द्वारा हर वर्ष इस मेले के आयोजन को लेकर विशेष प्रबंध किए जाते थे।
समिति द्वारा यहां पर आने वाले श्रद्धालुओ के वाहनों के लिए अलग-अलग जगह पर पार्किंग की व्यवस्था की जाती थी। इसके अलावा श्रद्धालुओ की सुख सुविधाओ को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्थाओ का प्रबंध किया जाता था। बैसाखी मेले से पूर्व ही मंदिर समिति द्वारा पूरे मंदिर में मुरम्मत के अलावा रंग रोगन करने के अलावा साफ-सफाई की जाती थी। इस बार मेले के आयोजन को लेकर प्रशासन द्वारा कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जब हमने मेले का दौरा किया तो पाया कि न तो मेला अधिकारी यहाँ पर पहुंचा है और ना ही कोई और अधिकारी।
मेले में दुकान लगाने के लिए पहुंचे दुकानदारों को प्लाट आबंटन करने के लिए भी कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं था जिसके चलते पूर्व स्थानीय समिति ने दुकानों के लिए प्लाट बना कर उन्हें आगे दुकानदारों को आबंटित किया। शाम करीब पांच बजे प्रशासन की तरफ से दो कर्मचारी यहाँ पर पहुंचे जिन्होंने दुकानदारों से प्लाट का शुल्क वसूला। दुकानदारों में भी इस बार काफी रोष है मंदिर परिसर में जगह-जगह पर मिटटी और पत्थर के ढेर लगे हुए है और पानी भरा हुआ है, न तो ग्राउंड को समतल किया गया और ना ही इसे साफ़ किया गया है।
इसके अलावा लंगर लगाने वाले भक्तो को भी जो स्थान दिया गया है वहा पर पानी भरा हुआ है जिस कारण वहाँ पर बैठ कर लंगर का प्रसाद ग्रहण करना नामुमकिन है। इस बार मेले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयो ने भी दुकानदारों की चेकिंग नहीं की इससे पूर्व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मेले में दुकान लंगर इत्यादि लगाने वाले दुकानदारों को साफ़ पानी और मिठाइयो में रंग का इस्तेमाल न करने के दिशा निर्देश देते थे और बार बार इनकी चेकिंग भी करते थे परन्तु इस बार इस तरह का कोई प्रबंध नहीं है। मेले में पहुँचने वाले श्रधालुओ के लिए पूर्व सिमी लाइट का भी विशेष प्रबंध करती थी जिसके चलते पार्किंग से मंदिर तक पहुँचने वाले रास्तो में लाइट का प्रबंध रहता था इस बार लाइट का भी कोई विशेष प्रबंध नही किया गया है।
मार्कंडेय मंदिर में पर्यटन विभाग द्वारा निर्माण करवाया जा रहा है जिसके चलते जगह-जगह पर मिटटी पत्थर सरिया, टाइल तथा अन्य सामान के ढेर लगे हुए है। जिसके चलते यहाँ पर पहुँचने वाले श्रधालुओ को जागरण इत्यादि करने की जगह भी उपलब्ध नहीं है। स्थानीय निवासी विनोद कश्यप, संजीव संख्यान, प्रदीप, चैतन्या शर्मा विवेक कुमार, राजीव शर्मा इत्यादि लोगो ने बताया कि इस बार प्रशासन ने कोई प्रबंध नही किये है। प्रशासन को मेले के आयोजन से पूर्व यहाँ पर साफ़ सफाई इत्यादि करवानी चाहिए थी पर इस बार कुछ भी नही हो पाया है जिसके चलते श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मार्कण्डेय प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष सुख राम भारद्वाज का कहना है कि जब यह मंदिर समिति के अधीन होता था तो यहाँ पर आने वाले श्रधालुओ के लिए बिजली, पानी, पार्किंग, स्वास्थ्य ,ठहरने के लिए कमरों तथा अन्य सुविधायो का ध्यान रखा जाता था। मंदिर परिसर में भी मेले से पूर्व मुरम्मत साफ़-सफाई तथा रंग-रोगन का कार्य किया जाता था और मेले में व्यवस्था बनाने के लिए स्थानीय युवाओं द्वारा पूरी व्यवस्था का प्रबंध किया जाता था। इस बार मंदिर प्रशासन के हवाले है तो वही व्यवस्थाए करेंगे, समिति का इसमें कोई रोल नहीं है। जब इस संधर्भ में उपयुक्त विवेक भाटिया से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में यह मामला नहीं है। इस बारे में एसडीएम सदर से रिपोर्ट मांगी जा रही है जिसके बाद आगामी कार्यवाही की जाएगी।