कांगड़ा (एमबीएम न्यूज) : कहते हैं पत्नी सुहाग की रक्षा करना चाहे तो यमराज से भी जीवन दिलवा सकती है। फतेहपुर की हांडा पंचायत के सराहड़ा की रहने वाली पुष्पा देवी अपने सुहाग की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। पुष्पा देवी ने पति के बीमार होने के बाद घर की सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर उठा लिया है। गुरबत झेल रहे परिवार का लालन-पोषण पुष्पा देवी दिन-रात कागज के लिफाफे बनाकर कर रही है।
नवंबर में घर का मुखिया व पुष्पा का पति रमेश बीमारियों से पीडि़त हो गया। पीजीआई चंडीगढ़ तक इलाज हुआ। आर्थिक स्थिति ओर ज्यादा खराब होती चली गई। शुरू में पुष्पा देवी ने अपने जेवर बेच दिए, लेकिन इससे भी कब तक गुजारा चलता। लोगों की इम्दाद से इलाज शुरू हुआ, जिस पर अब तक तीन लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।
इसी दौरान रमेश की दोनों टांगे फूल गई, जिसमें एक ठीक हो चुकी है, लेकिन दूसरी सिकुड़ रही है। डॉक्टरों ने कूल्हे की हड्डी बदलने की सलाह दी है, जिसके ऑपरेशन पर डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च बताया गया। ऑपरेशन करवाना तो दूर, पैसों की वजह से अप्रैल माह के बाद रूटीन की दवाईयां भी नहीं खरीदी जा सकी। घर की माली हालत खराब होने पर रमेश की पत्नी ने अखबारों के लिफाफे बनाने शुरू कर दिए हैं।
परिवार ने दानी सज्जनों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। पीडि़त परिवार के पास जमीन व कोई अन्य संपत्ति भी नहीं है, जिसे बेच कर कुछ पैसे जुटाए जा सकें। पंचायत प्रधान मनीषा शर्मा ने कहा है कि परिवार को बीपीएल में शामिल कर इम्दाद करने की कोशिश की जाएगी। बीडीओ सुषमा धीमान ने कहा कि पंचायत सचिवों को स्पष्ट निर्देश हैं कि जरूरतमंद परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल किया जाए।
इनपुट / फोटो साभार : दैनिक हिमाचल दस्तक