शिमला, 18 दिसंबर : पूर्व जयराम सरकार की कार्यप्रणाली पर अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूर्व सरकार को कर्मचारी विरोधी करार देते हुए कहा कि पूर्व सरकार की हार का कारण कर्मचारी विरोधी निर्णय रहे हैं।
रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने एक तरफ नई सरकार की सोच का स्वागत किया। वहीं दूसरी तरफ पूर्व सरकार के कार्यों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि पूर्व में भ्र्ष्ट लोगों को संरक्षण दिया गया।
पूर्व जयराम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्मचारी राजनीति में हस्तक्षेप कर उसे तोड़ने का प्रयास किया गया। यहां तक कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में आउटसोर्स भर्ती में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने मांग की है कि वर्तमान सरकार इसकी जांच करे। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने सिराज का महासंघ खड़ा कर कर्मचारियों पर प्रहार किया था।
वहीं, विनोद कुमार ने कहा कि मुख़्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सोच प्रशंसनीय है, जिसमे उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह सत्ता के लिए नही व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए है। साथ ही बदले की भावना से कार्य नही होगा। इस बात से कर्मचारियों में नया विश्वास पैदा हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस तरह का बड़ा बयान कर्मचारियों को लंबे समय से सुनने को नही मिला है। 10 वर्षों में व्यवस्था बहुत नीचे आई है, उसे सुधारने में थोड़ा समय लगेगा। उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ हैं, तथा तीन माह तक सरकार को समय देंगे। कहा कि कर्मचारियों की समस्या को उनके समक्ष नही रखा जाएगा, जिससे उन्हें भी व्यवस्था सुधारने का समय मिले।