राजगढ़, 05 जुलाई : अखिल भारतीय संयुक्त प्रवासी हिमाचली सभा के चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में साहित्य, गीत एवं लोक संगीत के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के एक महान संगीतज्ञ डॉ. कृष्ण लाल सहगल को हिमाचल गौरव पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार जोगिंद्रा केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष योगेश भरतीय और राजकीय मेडिकल कॉलेज चंडीगढ़ के वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ अशोक अत्री द्वारा प्रदान किया गया।
बता दें कि डॉ. के एल सहगल सिरमौर जिला के राजगढ़ के ग्रामीण परिवेश से सम्बंध रखते हैं। इनके द्वारा विशेषकर सिरमौर जिला की पुरातन संस्कृति को लोकगीतों के माध्यम से जीवन्त रखने में अहम भूमिका निभाई गई है। इन्होने पहाड़ी कल्चर पर बहुत शोध किए है। प्राचीन लोकगीतों को तालमय बनाने तथा इनकी प्राचीन मौलिकताओं को बनाए में डाॅ. केएल सहगल का विशेष योगदान रहा है।
1970 के दशक में डाॅ. सहगल द्वारा आकाशवाणी से प्रसारित पारंपरिक लोक गीत ऐस मूजरे जोगी जवाना बे तथा मरीची की नाटी को आज भी लोग बड़े चाव से सुनते व गाते हैं। डाॅ. सहगल को कला क्षेत्र में पहाड़ी रफी की संज्ञा दी जाती है। इनकी सुरीली आवाज का जादू हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। डाॅ. केएल सहगल को प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल गौरव पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
गौर रहे कि हिमाचल के पहाड़ी गीत, लोक संस्कृति एवं सुगम संगीत को बढ़ावा देने में इनका विशेष योगदान रहा है। शास्त्रीय संगीत तथा गजल गायन में हिमाचल में अपना एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। डाॅ. सहगल को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के अतिरिक्त अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा कला के क्षेत्र में सम्मानित किया जा चुका हैं।
डाॅ. सहगल हिमाचल शिक्षा विभाग के कॉलेज कैडर से एसोसिएट प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हैं। हिमाचल के बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं । यह सिरमौर और सोलन ही नहीं अपितु हिमाचल के लिए बड़े गौरव की बात है।